रोम, 8 मार्च (एजेंसी)टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में लगे भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने आखिरी 30 सेकेंड में 2 अंक बनाकर माटियो पेलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज में स्वर्ण पदक जीतकर अपने खिताब का बचाव किया जिससे उन्होंने अपने वजन वर्ग में फिर से नंबर एक रैंकिंग हासिल कर ली। मंगोलिया के तुल्गा तुमूर ओचिर के खिलाफ 65 किग्रा के फाइनल में बजरंग अंतिम क्षणों तक 0-2 से पीछे चल रहे थे लेकिन आखिरी 30 सेकेंड में उन्होंने 2 अंक बनाकर स्कोर बराबर कर दिया। इस मुकाबले में भारतीय पहलवान ने अंतिम अंक बनाया था और इस आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया। बजरंग इस प्रतियोगिता से पहले अपने वजन वर्ग की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर थे लेकिन यहां 14 अंक हासिल करने से वह शीर्ष पर पहुंच गये। ताजा रैंकिंग केवल इस टूर्नामेंट के परिणाम पर आधारित है और इसलिए स्वर्ण पदक जीतने वाला पहलवान नंबर एक रैंकिंग हासिल कर रहा है। विशाल कालीरमण ने गैर ओलंपिक वर्ग 70 किग्रा में प्रभावित किया। उन्होंने कजाखस्तान के सीरबाज तालगत को 5-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। इस बीच चार साल के डोपिंग प्रतिबंध के बाद प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी करने वाले नरसिंह पंचम यादव कांस्य पदक के मुकाबले कजाखस्तान के दानियार कैसानोव से हार गये। भारत ने साल की इस पहली रैंकिंग सीरीज में सात पदक जीते। महिला वर्ग में विनेश फोगाट ने स्वर्ण और सरिता मोर ने रजत पदक जीता था। ग्रीको रोमन के पहलवान नीरज (63 किग्रा), कुलदीप मलिक (72 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।