हिसार/टोहाना, 5 जून (हप्र/निस)
टोहाना के जजपा विधायक देवेंद्र बबली के 1 जून के कार्यक्रम के विरोध के दौरान हुई हिंसक झड़प और फिर दो एफआईआर दर्ज करने, गिरफ्तारियां करने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के थाने का घेराव व सामूहिक गिरफ्तारी कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ के बाद शनिवार शाम को विधायक ने अफसोस जताते हुए अपने शब्द वापस लेने की बात कही।
इससे पूर्व उन्होंने किसान नेताओं से स्वयं संपर्क कर माफी मांगने का प्रस्ताव दिया जिसके बाद 12 सदस्यों के किसान प्रतिनिधिमंडल के साथ विधायक एवं पांच अन्य सदस्यों की बैठक हुई और फिर विधायक ने अपने कहे पर अफसोस जताने का वीडियो जारी कर दिया। इस वीडियो में उन्होंने अपरोक्ष रूप से एफआईआर भी वापस लेने की बात कही है और कहा कि उनके साथ जिसने भी जो किया, वे उनको भी माफ करते हैं।
मामले के अनुसार 1 जून की घटना के बाद 2 जून को किसानों ने टोहाना में जब प्रदर्शन किया तो विधायक ने तीन दिन का समय मांगा था। इसके बाद माेर्चा ने आगामी आंदोलन की चेतावनी देते हुए आंदोलन वहीं खत्म कर दिया था लेकिन किसानों के एक गुट ने विधायक के बढाई खेड़ा गांव में जाकर उनके घर का घेराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने विकास सीसर व रवि को गिरफ्तार कर लिया व 3 जून को उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज कर दोनों को जेल भिजवा दिया।
इसके विरोध में मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में हिसार के मैयड़ टोल पर बैठक हुई और इस टोल पर जाम लगा दिया व 5 जून को टोहाना सदर थाने का घेराव सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान कर दिया। इसी के तहत शनिवार दोपहर को सबसे पहले किसान टोहाना की अनाज मंडी में एकत्रित हुए और राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी व जोगेंद्र घासीराम आदि नेता वहां पहुंच गए। इसके बाद दोपहर को किसान अनाज मंडी से टोहाना सदर थाना की तरफ निकल गए और थाने का घेराव कर दिया। वहां पर मौजूद पुलिस को गिरफ्तार करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि यहां पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नहीं है, इसलिए वे उनको गिरफ्तार नहीं कर सकते।
इसी दौरान जोगेंद्र घासीराम के पास विधायक देवेंद्र बबली ने फोन कर माफी मांगने व मुकदमे वापस लेने का प्रस्ताव दिया।
बबली और किसानों में हुआ समझौता
विधायक देवेंद्र सिंह बबली और किसानों के बीच घेराव मामले में समझौता हो गया है। जारी वीडियो में बबली की ओर से कहा गया है कि एक जून को किसानों के साथ जो भी घटना हुई, उनको मैं अपनी तरफ से माफ करता हूं, मेरे मुंह से ऐसे शब्द निकले जो शोभनीय नहीं थे, क्योंकि मैं जनप्रतिनिधि हूं तो मैं वे शब्द वापस लेकर अफसोस व्यक्त करता हूं।