जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 21 जनवरी
तमाम प्रयत्न करने के बावजूद राजकीय स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में हाजिरी मात्र 40 प्रतिशत ही हो रही है। कोरोना का प्रकोप कुछ कम होने के बाद प्रदेश में 9 वीं से 12 तक की कक्षाओं के लिए क्लासिज शुरू की गयीं लेकिन 14 दिसंबर से लेकर अब तक स्कूलों में बच्चों की हाजिरी मात्र 40 प्रतिशत ही रही। इसको लेकर शिक्षा विभाग भी चिंता में है।
यह या तो कोरोना का डर है या छात्रों में लॉकडाउन के कारण आलस बढ़ गया है, वे स्कूल ही नहीं आना चाहते। जिला में पहली से आठवीं तक के करीब 610 स्कूल हैं जिनमें करीब 53000 बच्चे पढ़ रहे हैं जबकि कक्षा 9 से 12 तक के 158 स्कूलों में करीब 27000 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन 9 से 12 तक की कक्षाओं में ही छात्रों की उपस्थिति मात्र 40 प्रतिशत हो रही है। छात्रों की स्कूलों में कम संख्या के दृष्टिगत शिक्षा विभाग ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए पिछले दिनों 15-16 जनवरी को स्कूलों में ईपीटीएम के माध्यम से 62055 बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया लेकिन उसके बाद भी छात्रों की हाजिरी नहीं
बढ़ सकी।
दरअसल देश जब अनलॉक की तरफ बढ़ा तो हरियाणा में बीते 2 नवंबर को 9 वीं से 12 तक की कक्षाएं शुरू कर दी गयीं लेकिन छात्र व अध्यापक कोरोना की चपेट में आये तो स्कूल फिर से बंद हो गए। उसके बाद 14 दिसंबर से दोबारा स्कूल प्रारंभ किये गए, तब से सब कुछ ठीक है लेकिन स्कूल में छात्रों की हाजिरी पहले दिन से बहुत कम मात्र 40 प्रतिशत ही है। कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति कम होना शिक्षा विभाग के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। प्रेम नगर स्थित राजकीय स्कूल के प्रिंसीपल रामचंद्र शर्मा का कहना है कि उनके स्कूल में औसतन 20 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं, 15 दिन पहले एक बच्चे के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या और कम हो गई है। फिलहाल कोरोना नियमों के ध्यान में रखते हुए स्कूल की क्षमता के हिसाब से बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है। ठंड का मौसम होने के चलते भी बच्चों की उपस्थिति कम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौसम के खुलने के बाद बच्चों की संख्या बढ़ जाएगी।