बल्लभगढ़, 6 सितंबर (निस)
गांवों के लोग इन दिनों दशहत में जी रहे है। अलग-अलग क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार तेंदुए की मौजूदगी महसूस की है। पिछले दिनों एक महिला को किसी जंगली जानवर ने हमला कर घायल किया था। बताया जा रहा था कि यह तेंदुआ था और अब ताजा मामला गांव सागरपुर में आया है, यहां एक भैंस पर पंजा मारा गया है। ग्रामीण प्रशासन व पुलिस को बता रहे हैं कि यह तेंदुआ ही है, जबकि पुलिस और वन्य प्राणी विभाग की टीम इसे तेंदुआ मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 21 अगस्त को गांव जाजरू में एनटीपीसी के सोलर पावर प्लांट के सीसीटीवी कैमरे में दो तेंदुए देखे गए थे। इसके बाद 22 अगस्त को सागरपुर और मलेरना गांव के बीच सड़क पर प्याला के एक युवक ने कार के आगे से तेंदुए को जाते देखा। वहीं 26 अगस्त को गांव सागरपुर में खेत में कपास बीनते समय कमलेश को पंजे मारने की घटना सामने आई थी। अब गांव सागरपुर में ही चरण सिंह रावत की भैंस को पंजे मार कर खरोंच के निशान मिले हैं। गांव सुनपेड़ के पूर्व सरपंच बिजेंद्र सिंह के खेतों में भी पंजों के निशान मिले हैं। ग्रामीणों ने इसके बारे में थाना सदर और वन्य प्राणी विभाग को भी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक चरण सिंह और थाना सदर प्रभारी सुभाष चंद पहुंचे। हालांकि पुलिस व वन्य प्राणी विभाग ने निशान तेंदुआ के होने से एक बार इनकार किया।
विभाग ने किया इनकार
वन्य प्राणी निरीक्षक चरण सिंह का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि भैंस ने खुद अपना शरीर किसी नुकीली चीज से रगड़ लिया हो। तेंदुआ कहीं पर भी नहीं है। पिछले 15 दिन से तेंदुआ होने का प्रचार किया हुआ है। फिर भी वह तथा उनकी टीम सूचना मिलते ही कई घंटों तक जानवर को ढूंढने का प्रयास करती रहती है।