चंडीगढ़, 11 अगस्त (ट्रिन्यू)
साइबर क्राइम के साथ एटीएम ठगी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच ने एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल (एएफआईसी) स्थापित किया है। सभी 22 जिलों में सेल की इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। इतना ही नहीं, विभिन्न जिलों में एटीएम फ्रॉड से जुड़े 132 अनट्रेस केस भी सेल को सुलझाने का जिम्मा सौंपा है।
पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है। आम नागरिक रोजाना का लेन-देन भी एटीएम के जरिये करते हैं। साइबर क्राइम से जुड़े अपराधियों ने ऑनलाइन तरीके से फ्रॉड शुरू किया। पुलिस का कहना है कि इस मोडस ऑपरेंडी के अपराधों से समन्वित व प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कई बार ऐसे आर्थिक फ्रॉड के मामलों में जिला पुलिस द्वारा अनट्रेस रिपोर्ट दे दी जाती है और आरोपी बच निकलते हैं।
इसी तरह के मामलों को देखते हुए विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया। स्टेट क्राइम ब्रांच के एडीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि इस समस्या को सुलझाने और दोबारा से अनट्रेस मुकदमों पर काम करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। सिंह ने बताया कि अनट्रेस केस सेल को सौंपे हैं और निर्देश दिए हैं कि एटीएम फ्रॉड के मामलों में जल्द कार्रवाई करें।
कुछ उदाहरणों का जिक्र करते हुए सिंह ने बताया कि भिवानी के रविंद्र ने दिसंबर 2021 में अपनी शिकायत में बताया कि वह रुपये निकलवाने भिवानी के रोहतक गेट स्थित एटीएम पर गया था। घर आकर खाता चेक पर उसने पाया की उसके खाते से करीबन 55 हजार रुपये एटीएम द्वारा निकाले गए। पुलिस ने जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला और मामले को अनट्रेस घोषित कर दिया गया। स्टेट क्राइम ब्रांच ने यह केस एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल भिवानी के एएसआई प्रदीप को सौंपा।
जांच करने पर पता लगा कि शिकायतकर्ता का एटीएम बदल कर अलग-अलग जगहों पर एटीएम मशीन और पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप कर 55 हजार रुपये निकाले हैं। एएसआई प्रदीप ने फाइल पर मौजूद तथ्यों के आधार पर जांच शुरू की। सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी की पहचान की गई। आरोपी अन्य मुकदमे में पहले ही सुनारियां (रोहतक) जेल में सजायाफ्ता है।