सिरसा, 11 सितंबर (हप्र)
अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स यूनियन का संघर्ष जारी है। सोमवार को आशा वर्कर्स प्रदर्शन करते हुए डिप्टी सीएम निवास पहुंची। डिप्टी सीएम की अनुपस्थिति में प्रतिनिधि ज्ञापन लेने के लिए आए, लेकिन कर्मचारी डिप्टी सीएम को ज्ञापन देने की मांग पर अड़ी रही। इसके बाद एसडीएम को ज्ञापन देने पर सहमति बनी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रधान दर्शना व कलावती माखोसरानी ने बताया कि आज धरने का 34वां दिन है। आशाओं का मानदेय 2018 के बाद नहीं बढ़ाया गया है, परंतु काम पांच गुना बढ़ा दिया गया है। सरकार की इस नीति को लेकर इसलिए आशाओं में बहुत ज्यादा रोष है। सोमवार को किसानों ने भी आशा वर्कर्स के धरने को समर्थन दिया।
यूनियन की नेता शिमला, पिंकी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार आशा वर्कर्स की मांग मानने की बजाय सख्ती पर उतारू है, जिसके कारण आशा वर्करों में रोष है।
इस अवसर पर प्रवीन, पिंकी, मीनाक्षी, आशा रानी, सीटू के प्रधान कृपा शंकर त्रिपाठी, विजय सहित जिलेभर की आशा वर्कर्स उपस्थित थीं।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
आशाओं को न्यूनतम वेतन 26000 दिया जाए और आशाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। आशाओं की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए।