चंडीगढ़, 29 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में चल रही आशा वर्करों की हड़ताल अभी जारी रहेगी। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकारियों तथा आशा वर्करों के बीच हुई बैठक का कोई परिणाम सामने नहीं आया। जिसके चलते आशा वर्करों की अब अगले सप्ताह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक होगी। इस बीच आशा वर्करों ने हरियाणा में पिछले 53 दिन से चली आ रही हड़ताल को जारी रखने का ऐलान कर दिया है।
हरियाणा में करीब 20 हजार आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल को समाप्त करवाने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा, एनएचएम के निदेशक राज नारायण कौशिक, आशा कॉर्डिनेटर चांद सिंह मदान ने आशा वर्करों के साथ बैठक की।
करीब पांच घंटे चली इस बैठक में आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव सुनीता, सीटू महासचिव जय भगवान, यूनियन उपाध्यक्ष प्रवेश, रानी, कोषाध्यक्ष अनीता व उपाध्यक्ष सुधा शामिल रहे। यूनियन अध्यक्ष सुरेखा और महासचिव सुनीता ने बैठक के बाद जारी बयान में बताया कि सरकार के साथ तीन दौर की वार्ता हो चुकी है। यह सरकार को तय करना है कि वह आंदोलन को कितना लंबा खींचना चाहती है। उन्होंने ऐलान किया की राज्य में आशा वर्कर्स की हड़ताल 10 अक्तूबर तक जारी रहेगी। 8 अक्तूबर को प्रदेश की सभी आशा वर्कर्स करनाल में ललकार रैली में शामिल होंगी। आज की बैठक में शीर्ष अधिकारियों ने यूनियन को आश्वस्त किया है कि अगले सप्ताह तक मुख्यमंत्री के साथ बैठक करवाते हुए मांगों का निपटारा किया जाएगा।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को बिजली निगमों के कर्मचारियों के साथ भी सरकार की वार्ता विफल रही थी। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने भी आंदोलन का ऐलान किया है। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की हर मांग पर अड़ंगा डाल रहे हैं, इसलिए वार्ता सिरे नहीं चढ़ पा रही। वार्ता विफल होने के बाद यूनियन ने पहली अक्तूबर से सिरसा में कैबिनेट मंत्री की कोठी के बाहर महापड़ाव डालने का ऐलान कर दिया है। साथ ही, विभाग के एसीएस की कार्यशैली के खिलाफ शुक्रवार को सभी यूनिट्स पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
यह हैं मांगें
* आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिले।
* 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन
* इंसेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती की बहाली
* ईपीएफ एवं ईएसआई की सुविधा रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने और रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन
अनुबंध कर्मियों के तय किये नियम
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू): हरियाणा के मुख्य सचिव ने अनुबंध आधार पर प्रतिमाह 21 हजार रुपये से कम वेतन लेने वाली महिला कर्मचारियों को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत मातृत्व अवकाश की पात्रता स्पष्ट की है। मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा शुक्रवार को इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों को लिखे एक पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारी प्रति माह 21,000 रुपये से अधिक वेतन ले रहा है, के लिए वित्त विभाग के निर्देशों के अनुसार हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) के माध्यम से कर्मचारी के मातृत्व अवकाश का भुगतान इंडेंटिंग विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।