चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
मांगों को लेकर प्रदेशभर की आशा वर्कर बृहस्पतिवार को हड़ताल करेंगी। आशा वर्करों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने उन पर एस्मा लागू करने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के मिशन निदेशक की ओर से इस बारे सभी जिलों के सीएमओ (सिविल) को लिखित में आदेश दिए हैं और उन्हें एस्मा लागू करने को कहा है। इस पत्र के बाद भड़की आशा वर्कर्स यूनियन की पदाधिकारियों ने मिशन डायरेक्टर को जवाबी पत्र लिखा है। यूनियन की प्रधान सुरेखा, महासचिव सुनीता व कोषाध्यक्ष अनिता ने पत्र में कहा है कि सरकार के ये आदेश उन पर लागू नहीं होते। एस्मा के तहत कार्रवाई केवल सरकारी कर्मचारियों पर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमें कर्मचारियों का दर्जा देती है तो हम तुरंत प्रभाव से अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार हैं। सुरेखा व सुनीता ने कहा, आंदोलन करना आशा वर्कर की मजबूरी है। उन्होंने कहा कि आशा वर्करों के साथ सरकार की बातचीत भी हो चुकी है और उनकी मांगों पर सहमति भी बन चुकी है लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा रहा। सरकार अगर जरा भी संवेदनशील होती तो समझौते में मांगी गई मांगों पर तुरंत अमल किया जाता। उनका कहना है कि एस्मा की चेतावनी के बाद भी वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगी।