जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 30 जनवरी
नववर्ष में चलती रही बरसात के बाद गेहूं आदि की फसल के खराबे को लेकर हजारों किसानों द्वारा मुआवजे के लिए आवेदन दिए जाने के बावजूद सर्वे का काम कछुआ गति से चलने के कारण किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। किसान 31 को इसके लिए न केवल प्रदर्शन करेंगे बल्कि उपायुक्त को ज्ञापन भी देंगे। इसी बीच लगातार दूसरे दिन आसमान के साफ रहने और धूप निकलने से आमजन ने राहत की सांस ली है लेकिन गेहूं की खेती के लिए संभावित पीला रतुआ को लेकर कृषि विभाग चौकस हो गया है और रोजाना फील्ड स्टाफ से रिपोर्ट तलब की जा रही है।
जानकारों की माने तो लगातार दो दिन से निकल रही धूप के साथ हवा चलने के कारण फिलहाल पीला रतुआ का फफूंद अम्बाला में नहीं देखा गया है। अम्बाला में करीब 2 लाख एकड़ भूमि पर गेहूं और करीब 15 हजार एकड़ पर सरसों की खेती हो रही है। अन्य फसलों का रकबा इससे अलग है। जिला के विभिन्न इलाकों में गेहूं, सरसों, तोरिया व आलू की हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद होने की बात किसान नेता बता रहे हैं। अम्बाला किसान यूनियन के संस्थापक नेता सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा की माने तो जिला का कोई खंड ऐसा नहीं है, जहां फसलों का खराबा नहीं हुआ हो। इसी खराबे का जल्द मुआवजा की मांग को लेकर वे 31 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करके ज्ञापन भी सौंपेंगे। उनके अनुसार किसान इसके लिए कृषि विभाग, उद्यान विभाग व तहसीलदार दफ्तर में चक्कर मार रहे हैं ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग को दिए गए आवेदनों पर सर्वे का काम काफी धीमी गति से हो रहा है, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। जिला के करीब 20 हजार किसानों ने ही प्रधानमंत्री फसल बीमा करवा रखा है जबकि बीमा नहीं करवाने वाले किसानों की संख्या भी लगभग इतनी ही बताई जा रही है।
”कृषि विभाग के पास 2 हजार से ज्यादा किया मुआवजे के लिए आवेदन जमा करवा चुके हैं। कृषि विभाग इनमें से एक तिहाई से ज्यादा का सर्वे कर भी चुका है। खेतों के बीच पानी भरा होने के कारण सर्वे का काम प्रभावित हुआ। दो दिन में निकली धूप के साथ तेज हवाएं गेहूं को नुकसान नहीं होने देगी। पीला रतुआ के लिए फील्ड स्टाफ को चौकस किया गया है, किसानों को भी आगाह किया जा रहा है। रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। फिलहाल कहीं से पीला रतुआ की रिपोर्ट नहीं है। ”
-डॉ. गिरीश नागपाल, कृषि उपनिदेशक, अम्बाला