कुरुक्षेत्र, 18 अक्तूबर (हप्र)
सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा धान का भुगतान न करने के कारण आढ़तियों, मजदूरों और किसानों में हा-हाकार मचा हुआ है। सभी का कहना है कि धान की शुरू हुई बिक्री को 23 दिन हो गए हैं, लेकिन आजतक भी किसी भी एजेंसी द्वारा एक नया पैसा भी भुगतान नहीं किया गया है। परिणामस्वरूप आढ़तियों, मजदूरों और किसानों की आर्थिक स्थिति पतली हो गई है। किसान और मजदूर तो आढ़तियों से पैसे मांग रहा है जबकि आढ़ती भी अपनी विवशता दिखाते हुए तथा भुगतान न होने की बात करके उन्हें हर रोज आजकल का समय दे रहे हैं। भुगतान न होने के कारण तीनों वर्गाें में ही निराशा छाई हुई है।
भुगतान न होने के कारण ही रविवार को थानेसर अनाजमंडी में आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील सिंगला की अध्यक्षता में कईं आढ़ती हरविन्द्र बंसल, मुलखराज, रमेश गर्ग, बृज भूषण, वीरभान, रतनलाल बंसल, माया राम बृजमोहन, रामपाल, शेरसिंह, विशेष गर्ग, विजय गुप्ता तथा नीरज गाबा इत्यादि एकत्रित हुए और भुगतान न मिलने पर रोष जताते हुए सरकार से जल्द से जल्द भुगतान किए जाने का अनुरोध किया गया।
बैठक में मंडी की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की गई। कुल मिलाकर सभी आढ़तियों का कहना है कि भुगतान न होने के कारण सभी का बुरा हाल हो गया है।
बैठक के बाद आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील सिंगला ने कहा कि गत 26 सितंबर से सरकारी खरीद शुरू हुई थी। आज 23 दिन हो गए हैं लेकिन किसी भी आढ़ती या किसान के पास धान का एक पैसा भी नहीं आया। जबकि आए दिन स्थानीय विधायक से लेकर सरकार के कई प्रतिनिधि और अधिकारी तथा खरीद एजेसियां बार-बार ये कह रही हैं कि जल्द ही भुगतान होने वाला है।
उन्होंने बताया कि केवल थानेसर मंडी से लगभग 12 लाख क्विंटल धान की खरीद हैफेड और डीएफएससी, दो सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा चुकी हैं। इन दोनों एजेंसियों के पास लगभग 250 करोड़ रुपए बकाया हैं। अधिकतर धान की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा ही की गई हैं। उन्होंने पूछने पर यह भी बताया कि चाहे उठान थोड़ा आहिस्ता चल रहा है, लेकिन फिर भी कोई तंगी नहीं आ रही है। अब तो केवल भुगतान की इंतजार है।
178 आढ़तियों के 225 करोड़ बकाया
शाहाबाद मारकंडा (निस) : हरियाणा राज्य की अग्रणी अनाज मंडियों में अपना प्रमुख स्थान रखने वाली शाहाबाद अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान एवं हरियाणा कोल्ड स्टोर ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष उद्योगपति स्वर्णजीत सिंह बिट्टू कालड़ा ने आज यहां कहा कि यहां अनाज मंडी में उनकी एसोसिएशन से संबंधित 178 आढ़तियों के 25 दिन बीत जाने के बाद भी धान खरीद के 225 करोड़ रुपए बकाया हैं। आलू की फसल बुआई के लिए किसान को डीएपी खाद व अन्य आवश्यक कृषि सामान खरीदने हैं तथा किसान को प्रति एकड़ बुआई पर खर्च 30 से 35 हजार रुपए आता है। अब किसान आढ़ती पर दबाव बना रहा है, लेकिन आढ़ती इतनी राशि कैसे दें। आढ़ती लेबर को करोड़ों रुपए स्वयं अपने पास से दे रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सोमवार को आढ़तियों व किसानों के खातों में भुगतान न आया तो उन्हें मजबूरीवश मार्केट कमेटी कार्यालय पर प्रदर्शन करना पड़ेगा। दूसरी ओर महर्षि मारकंडेश्वर कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धनपत राय अग्रवाल ने कहा कि उनकी एसोसिएशन के आढ़तियों के सरकार के पास करोड़ों रुपए बकाया हैं।