करनाल (हप्र) : प्रदेश भर से आई आंगनवाड़ी वर्करों ने जिला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन जारी रखते हुए कहा कि सरकार वार्ता से भाग रही है। उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नही होतीं, वह करनाल में डटी रहेंगी। आंदोलन तालमेल कमेटी के नेताओं ने कहा कि सरकार तारीख पर तारीख बदलकर हमारे सब्र की परीक्षा ले रही है। विभाग के साथ हमारी बैठक तय थी जो 17 फरवरी की शाम आगे कर दी गई। अब विभाग की वित्तायुक एवं प्रधान सचिव के साथ वार्ता 21 फरवरी को शाम 3 बजे तय हुई है। हमें उम्मीद है सरकार बात करते हुए मांगों का समाधान करेगी। इस बीच आंगनवाड़ी फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एआर सिंधु ने आज कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार का महिला विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। वह करनाल में प्रदेश स्तरीय पड़ाव डाले बैठी आंगनवाड़ी वर्करों को सम्बोधित कर रही थीं। प्रदर्शन को ऑल इंडिया लायर्स यूनियन के नेता राजविंदर चंडी, आंगनवाड़ी नेता बिजनेश, सुमन, नीतू, सुनीता, सर्व कर्मचारी संघ जिला सचिव सुशील गुज्जर, सीटू जिला सचिव जगपाल राणा, मिड डे मिल यूनियन प्रधान शिमला आदि ने भी संबोधित किया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।