अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 8 अप्रैल
परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की पारदर्शिता के लिए एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिन रात एक किए हुए हैं, वहीं बनाने वाले लापरवाही बरतते जा रहे हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिला के गांव खानक में पीपीपी बनाने में बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसको ठीक करवाने के लिए लगभग 40 परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गांव खानक के 132 सदस्यों का एक ही परिवार पहचान पत्र बना डाला। इसका आईडी नंबर 1 सीसी 16128 दर्शाया गया है। सदस्यों की आयु 72 वर्ष से एक वर्ष के बीच है, जिससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि एक 72 वर्षीय व्यक्ति का परिवार इतना बड़ा नहीं हो सकता।
एक पीड़ित खानक निवासी कन्हैया लाल ने बताया कि उनके परिवार में मात्र 4 ही सदस्य हैं, जबकि उनका नाम 132 सदस्यों वाली महा फेमिली आईडी नंबर 1 सीसी 16128 में शामिल है। उन्हें न तो योजना का लाभ मिल रहा है और न ही बच्चों का कहीं दाखिला करवाया जा रहा है। एेसे ही 40 परिवारों की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कई बार जगह-जगह गुहार लगाई है, लेकिन सुधार के लिए सिस्टम एडिट नहीं कर रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला परियोजना अधिकारी भागीरथ ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में संशोधन के लिए जिला स्तर पर एडिट का कोई विकल्प नहीं है। इस बारे में राज्य स्तर पर परिवार पहचान पत्र से संबद्ध क्रिड के अधिकारियों को सूचित किया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही समाधान निकाला जाएगा।