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सेवा नियमावली में संशोधन, तबादले जल्द, शिक्षकों की कई मांगों पर सहमति

शिक्षा मंत्री और अध्यापक संघ की बैठक में सकारात्मक नतीजे
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा।
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हरियाणा के शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों पर अब समाधान की राह खुलती दिख रही है। मंगलवार को यहां शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई सरकार और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। बैठक में 2012 की जेबीटी सेवा नियमावली में संशोधन, प्रशिक्षण शिविरों के बदले प्रतिपूर्ति अवकाश, लंबित एसीपी और मेडिकल मामलों के निपटारे जैसी मांगों पर शिक्षा मंत्री ने ठोस आश्वासन दिए।

वहीं, कुछ मुद्दों पर संघ ने साफ कहा कि जब तक समाधान नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि शिक्षा मंत्री ने 2012 की जेबीटी सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देने का आश्वासन दिया। साथ ही, छुट्टियों के दौरान लगे प्रशिक्षण शिविरों के बदले कम्पनसेंटरी लीव (प्रतिपूर्ति अवकाश) का आदेश बुधवार को ही जारी करने पर सहमति बनी।

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संघ के राज्य प्रधान प्रभु सिंह और महासचिव रामपाल ने बताया कि सी एंड वी और जेबीटी शिक्षकों के अंतर-जिला तबादले 31 मार्च से पहले पूरे कर दिए जाएंगे। सभी वर्गों के ट्रांसफर पहली अप्रैल से प्रभावी होंगे। शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि तबादला नीति (पॉलिसी) का नया ड्राफ्ट शीघ्र जारी किया जाएगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि मॉडल संस्कृति और पीएमश्री स्कूलों में तबादले हेतु ली गई परीक्षा का परिणाम 15 दिनों में घोषित किया जाएगा। सी एंड वी शिक्षकों के एसीपी और अन्य वित्तीय लाभों से जुड़े अधिकार 10 से 15 दिनों के भीतर जिला स्तर पर स्थानांतरित किए जाएंगे।

एसीपी व मेडिकल मामलों का त्वरित निपटारा

शिक्षा मंत्री ने अधूरे दस्तावेजों को छोड़कर बाकी सभी एसीपी और मेडिकल मामलों को शीघ्र निपटाने का निर्देश दिया है। सिरसा और गुरुग्राम जिलों के मेडिकल रिइम्बर्समेंट मामलों को ऑफलाइन मोड में भेजने के आदेश भी बुधवार को जारी किए गए। शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि शून्य छात्र संख्या वाले विद्यालयों को छोड़कर किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा। ईएसएचएम से हाई स्कूल मुख्याध्यापक पदोन्नति हेतु वरिष्ठता सूची तैयार करने की पुष्टि मौलिक शिक्षा निदेशक विवेक अग्रवाल ने की।

साथ ही, सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए सरकार को तुरंत पत्र भेजने पर सहमति बनी। बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि सीबीएसई से एफिलिएशन हटाकर भिवानी बोर्ड से जोड़ने या सीबीएसई की फीस सरकार द्वारा भरने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शहरों की बाहरी बस्तियों में नए विद्यालय खोलने पर भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया।

मौलिक मुख्याध्यापक से पीजीटी पदोन्नति और अनियमित शिक्षकों को नियमित करने की मांग को सरकार ने फिलहाल खारिज कर दिया। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बनी, उन पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेगा। आगामी बैठक में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जाएगी।

 

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