चंडीगढ़, 13 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
लगभग ढाई वर्षों से लटका रेवाड़ी में स्थापित होने वाले एम्स निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। मनेठी गांव के लिए मंजूर हुआ प्रदेश का पहला एम्स (भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) रेवाड़ी के माजरा गांव में बनेगा। एम्स निर्माण से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। राज्य में वित्त मंत्रालय भी सीएम मनोहर लाल खट्टर के पास ही है। ऐसे में उन्होंने एम्स के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए किसानों के मुआवजे पर मुहर लगा दी है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को एम्स परियोजना के लिए अलग से बजट मंजूर करके भेजा जा चुका है। विभाग के अधिकारियों को भू-मालिकों को मुआवजा देने के निर्देश भी दे दिए हैं। इस बाबत बुधवार को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत मौजूद रहे। बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ़ बनवारी लाल सहित सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
यहां बता दें कि एम्स के लिए माजरा गांव के लोगों ने ई-भूमि पोर्टल पर जमीन की पेशकश की थी। सरकार ने रेवाड़ी डीसी की सर्वे रिपोर्ट के बाद इस जमीन को लेने का निर्णय लिया। किसानों के साथ जमीन का मोल-भाव हो चुका है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गांव के किसानों को परियोजना के लिए जमीन देने को तैयार किया। इसी के चलते वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे, जिससे किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा समय से मिल सके। सीएम ने बैठक में मौजूद रहे अधिकारियों को परियोजना से जुड़े अन्य कार्यों को लेकर किसानों को आपस में सहमति से आगामी प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजना को लेकर नगर एवं ग्राम आयोजना तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को भी एक निर्धारित समय अवधि के दौरान सभी आवश्यक कार्यों को पूरा करने तथा किसानों से जुड़े विषय पर काम करने के निर्देश दिए।
गुरुगाम व कुरुक्षेत्र के लिए स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन को मंजूरी
हरियाणा सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ को लागू करने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए राष्ट्रीय महत्व के 2 प्रदेश स्तरीय संस्थान शुरू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र में ‘स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन’ शुरू करने की मंजूरी दी है। सीएम ने कहा कि हरियाणा, देश का पहला राज्य है, जिसने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की इस अति महत्वाकांक्षी अनुशंसा को लागू करने की पहल की है।