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शिक्षा, निवेश और टेक्नोलॉजी सहयोग पर बनी सहमति

हरियाणा को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाने की दिशा में अहम कदम
चंडीगढ़ में मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी कनाडा हाईकमीशन के अधिकारी के साथ।
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हरियाणा और कनाडा के बीच सहयोग के नए क्षितिज खुलते दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारत में कनाडा के राजदूत क्रिस्टोफर कूटर के बीच मंगलवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक ने दोनों पक्षों के संबंधों में नई ऊर्जा भर दी। यह मुलाकात मात्र शिष्टाचार भर नहीं थी, बल्कि शिक्षा, निवेश, तकनीक और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में व्यापक साझेदारी को नई दिशा देने की पहल साबित हुई। चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास - संत कबीर कुटीर में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा को एक वैश्विक शिक्षा केंद्र बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण और तेज़ी से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी साझा की। इसी क्रम में कनाडा ने भी हरियाणा में शिक्षा, उद्योग और तकनीकी क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं पर गहरी रुचि व्यक्त की।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ़ साकेत कुमार और विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार पवन चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुलाकात ने स्पष्ट कर दिया कि हरियाणा और कनाडा के बीच आने वाले समय में शिक्षा, निवेश, उद्योग और युवाओं के कौशल विकास को लेकर बड़े और ठोस कदम देखने को मिलेंगे। इस मुलाकात का सबसे अहम पहलू रहा कनाडा द्वारा हरियाणा में एक विश्वविद्यालय खोलने पर गंभीर चर्चा। कनाडा के शिक्षा संस्थान विश्व स्तर पर अपनी गुणवत्ता और प्रैक्टिकल लर्निंग मॉडल के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में हरियाणा में एक कनाडाई विश्वविद्यालय का स्थापित होना न केवल प्रदेश के युवाओं को वैश्विक गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराएगा, बल्कि राज्य को शिक्षा क्षेत्र के हब के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को भी गति देगा।

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बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि दोनों देशों की शिक्षा नीतियों और उद्योग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जॉइंट प्रोग्राम, स्किल डेवलपमेंट और स्टूडेंट एक्सचेंज जैसे क्षेत्रों पर भी सहयोग बढ़ाया जा सकता है। कनाडाई राजदूत ने हरियाणा की तेज़ आर्थिक वृद्धि, औद्योगिक आधार और निवेश-अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए निवेश प्रक्रियाओं को फास्ट-ट्रैक सिस्टम के माध्यम से और सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बैठक में दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि यह सिस्टम अनुमति प्रक्रियाओं को सरल करेगा, विभागीय समन्वय बढ़ाएगा और निवेशकों को एकल खिड़की पर सभी सेवाएं उपलब्ध करवाएगा। हरियाणा सरकार ने हाल के वर्षों में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को अपनी नीतियों का आधार स्तंभ बनाया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेशी निवेशकों के समन्वय के लिए राज्य सरकार ने अलग से विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है, जो दुनिया भर के देशों के राजनयिक प्रतिनिधियों के साथ संवाद को सतत बनाए हुए है।

ऊर्जा, खनन और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर मंथन

बैठक का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा रहा, ऊर्जा और खनन क्षेत्र में सहयोग का विस्तार। कनाडा ने हरियाणा के साथ मिलकर वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स, विद्युत उत्पादन और खनन क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की। कनाडा के इन सेक्टर्स में व्यापक अनुभव को देखते हुए, हरियाणा में इन परियोजनाओं से न केवल तकनीकी सहयोग मिलेगा बल्कि युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के नए अवसर भी पैदा होंगे। राजदूत कूटर ने यह भी आश्वासन दिया कि कनाडा की खनन और ऊर्जा कंपनियों को हरियाणा में निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा। इससे दोनों पक्षों के बीच कारोबारी संवाद और मजबूत व परिणाम-उन्मुख हो सकेगा।

हाई-स्किल्ड जॉब्स के लिए तैयार होंगे युवा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के दौरान बताया कि राज्य सरकार युवाओं को वैश्विक बाजार के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान दे रही है। उद्योगों की मांग के अनुसार नए प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं, ताकि हरियाणा के युवा न केवल भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अवसरों का लाभ उठा सकें। कनाडा के साथ साझेदारी इस दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने वर्ष 2047 तक अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें शिक्षा, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और निवेश जैसे क्षेत्रों की बड़ी भूमिका होगी।

बहुआयामी सहयोग होगा और मजबूत

क्रिस्टोफर कूटर ने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि कनाडा हरियाणा के साथ अपने संबंधों को बहुआयामी रूप से आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल व्यावसायिक और तकनीकी स्तर पर फायदेमंद होगी, बल्कि युवाओं और आम जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

 

 

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