चंडीगढ़, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा की खट्टर सरकार अफसरशाही में आए दिन नये प्रयोग कर रही है। आईएएस और एचपीएस काडर के पदों पर आईपीएस और एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे बवाल के बीच अब एक और फैसला लागू किया है। 1984 बैच के आईएएस और प्रदेश के नौकरशाहों में सबसे वरिष्ठ सुनील गुलाटी की वरिष्ठता को दरकिनार कर उनसे जूनियर को सरकार ने मुख्य सचिव बना दिया था।
1985 बैच के आईएएस विजय वर्धन को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया हुआ है। वरिष्ठता के हिसाब से इस पद पर सुनील गुलाटी का अधिकार था। बताते हैं कि गुलाटी की नाराजगी को दूर करने के लिए अब सरकार ने स्पेशल चीफ सेक्रेटरी का नया पद बनाया है। गुलाटी को इस पद पर नियुक्त किया है। हालांकि इससे उनके विभागों में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। सरकार ने एक तरह से उन्हें ‘खुड्डेलाइन’ ही लगाया हुआ है।
गुलाटी नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के चीफ रेजिडेंट कमिश्नर के साथ प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। बताते हैं कि स्पेशल चीफ सेक्रेटरी बनने के बाद अब सुनील गुलाटी सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है। हालांकि इससे पहले सीएम राजेश खुल्लर के अमेरिका जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी को अपना चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी लगा चुके हैं। हरियाणा में यह पहला मौका है जब किसी रिटायर्ड अधिकारी को सीएमओ का सबसे बड़ा पद मिला है।