दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 दिसंबर
हरियाणा सीआईडी ने सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं को बिना सुरक्षा के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन का असर अब प्रदेश के शहरों, कस्बों व गांवों में भी देखने को मिल रहा है। जगह-जगह किसानों द्वारा भाजपा सरकार के मंत्रियों, सांसदों व विधायकों का विरोध हो रहा है। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए सीआईडी ने अलर्ट किया है, इसके बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है।
इतना ही नहीं, सभी जिलों के डीसी और एसपी को भी सरकार ने इस बाबत निर्देश जारी किए हुए हैं। जिलों में जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा के प्रबंधों पर विशेष फोकस करने को कहा गया है। बताते हैं कि अंदरखाने भाजपा व जजपा विधायकों की कोठियों व दफ्तरों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। सरकार ने 25 दिसंबर को सभी जिलों में सुशासन दिवस के रूप में मनाया था। सीएम मनोहर लाल खट्टर खुद चंडीगढ़ में हुए प्रदेश स्तरीय आयोजन में बतौर मुख्यातिथि मौजूद थे तो मंत्रियों की जिलों में ड्यूटी लगाई हुई थी।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा, गुहला विधायक डॉ़ ईश्वर सिंह सहित गठबंधन सरकार के कई नेताओं का किसानों द्वारा विरोध किया गया। किसानों द्वारा दोनों पार्टियों के नेताओं को जगह-जगह काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। विगत दिवस ही डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला का जींद के करसिंधु गांव में जाने का कार्यक्रम था। वे हेलीकॉप्टर से जाने वाले थे लेकिन ग्रामीणों ने हेलीपेड को ही खोद डाला। इस विरोध के चलते दुष्यंत को अपना कार्यक्रम ही रद्द करना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि सीआईडी ने सरकार को दी रिपोर्ट में सांसदों, मंत्रियों व विधायकों को सतर्क रहने की रिपोर्ट दी है। उन्हें कहा गया है कि वे बिना सुरक्षा के अकेले न निकलें। उनके साथ प्रदेश में कहीं भी अभद्रता हो सकती है।
ऐसे में अब सभी सांसदों व विधायकों को अपने दौरों की जानकारी संबंधित जिलों के एसपी को देनी होगी ताकि वे सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कर सकें। बहरहाल, सरकार के मंत्रियों, विधायकों को भी अब 29 दिसंबर को केंद्र सरकार के साथ होने वाली किसान संगठनों की वार्ता से रास्ता निकलने की उम्मीद है।