जितेंद्र अग्रवाल/ हप्र
अम्बाला शहर, 3 सितंबर
प्रशासन और भाकियू शहीद भगत सिंह के प्रतिनिधिमंडल के बीच आज सुबह चली बातचीत में किसानों की सभी स्थानीय मांगों को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद यूनियन द्वारा 5 सितंबर को बुलाई गई किसान इंसाफ महापंचायत स्थगित कर दी गई है। साथ ही शहर की अनाज मंडी में 23 अगस्त से चला आ रहा किसानों का धरना भी आज समाप्त कर दिया गया है। दरअसल किसानों का धरना प्रदर्शन तूल पकड़ने लगा था, यह सरकार को भारी पड़ सकता था क्योंकि किसान एक बार फिर एकजुट होते नजर आ रहे हैं। अपने हक की लड़ाई के लिए सरकार से भिड़ने को बिल्कुल तैयार थे। इसी कड़ी में उन्होंने भाकियू शहीद भगत सिंह के बैनर तले 5 सितंबर को किसान इंसाफ महापंचायत का आयोजन करने का निर्णय लिया था। इसमें किसानों और मजदूरों से इस महापंचायत में शामिल करने की तैयारी की जा रही थी। टकराव को टालने की नीयत से आज उपायुक्त डॉ. शालीन, एसपी जशनदीप सिंह रंधावा, एसडीएम दर्शन कुमार और अन्य अधिकारियों की भाकियू के एक प्रतिनिधिमंडल से डीसी ऑफिस में बात हुई। इसमें भाकियू शहीद भगत सिंह जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह माजरी, मंजीत मछौंडा, सरपंच गरनाला परमजीत सिंह, कुलदीप मोहड़ी, युवा जिला प्रधान सतिंद्र शामिल रहे।
एसडीएम ने किसानों से की बात
भाकियू शहीद भगत सिंह के संस्थापक सदस्य एवं ब्लॉक-1 के प्रधान सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा ने बताया कि अधिकारियों ने उनकी प्रमुख तीनों मांगें मान ली हैं। इनमें चंडीगढ़ कूच के दौरान पुलिस द्वारा पीछा करने पर ट्रैक्टर दौड़ाने के चक्कर अपनी टांग गंवाने वाले युवा किसान को सरकारी नौकरी, उसके इलाज का पूरा खर्च तथा आंदोलन के दौरान किसानों पर बनाए गए सभी पर्चे रद करना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन ने 1 माह का समय लिया है। एसडीएम दर्शन कुमार और डीएसपी हर्षदीप ने अनाज मंडी में धरना दे रहे किसानों के बीच आकर उक्त सहमति की जानकारी दी। जिसके बाद किसान नेताओं ने 23 अगस्त से जारी धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी।