कुरुक्षेत्र (हप्र) : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा गया। कोरोना महामारी की वजह से विश्वविद्यालय लगभग 2 साल से बंद है। इससे लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब हो रही है, लेकिन वर्तमान स्थिति में घटती हुई महामारी को देखते हुए छात्र हितों की रक्षा और उनके भविष्य को देखते हुए 1 अक्तूबर से विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। इस अवसर पर कुवि इकाई अध्यक्ष जयंत चैधरी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग रखी की विश्वविद्यालय को सुचारु रूप से खोला जाए, क्योंकि प्रदेश में सभी कॉलेज व स्कूल खोले जा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर विश्वविद्यालय परिषद की इस मांग को नहीं मानता तो परिषद द्वारा हमेशा की तरह इसका विरोध किया जाएगा और प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर इकाई संयोजक पवन कौशिक, शोध कार्य प्रमुख रवि, कुणाल, हरिंदर व भारत आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।