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तीन दशक से एक सपना, कब बनेगा रायपुररानी उपमंडल

वादों की राजनीति
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पुष्पेंद्र स्वामी/निस

रायपुररानी, 16 अप्रैल

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पंचकूला जिले के गठन को 30 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन रायपुररानी को उपमंडल का दर्जा दिलवाने का सपना अब तक अधूरा है। हर चुनाव में इस मुद्दे पर नेताओं के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही यह वादे हवा में उड़ जाते हैं।

चाहे इनेलो हो, कांग्रेस या भाजपा—हर पार्टी ने रायपुररानी को उपमंडल बनाने का वादा किया, लेकिन इन वादों का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। भाजपा सरकार ने पिछले एक दशक में कई नए उपमंडल घोषित किए, लेकिन रायपुररानी का नाम अब भी उस सूची में शामिल नहीं हो सका। यहां के निवासियों को सरकारी कामकाज के लिए 60 किलोमीटर दूर पंचकूला जाना पड़ता है, जहां खराब सड़कों और दुर्गम रास्तों की वजह से उनकी परेशानियों में कोई कमी नहीं आई।

वर्तमान विधायक शक्ति रानी शर्मा ने चुनावी घोषणा पत्र में रायपुररानी को उपमंडल बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह वादा अब तक अधूरा ही है।

स्थानीय लोग अब भी उम्मीद लगाए  बैठे हैं कि मुख्यमंत्री नायब सैनी, जो  खुद इस क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, जल्द  ही इस महत्वपूर्ण मांग पर ध्यान देंगे  और रायपुररानी को उपमंडल का  दर्जा मिल सकेगा।

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