चंडीगढ़, 19 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पड़ोसी राज्य पंजाब की तरह हरियाणा में भी बिजली संकट गहराता नज़र आ रहा है। हालांकि सरकार ने समय रहते इसके लिए प्रबंध करने शुरू कर दिए हैं। अब अगर किसी तरह की अड़चन नहीं आई तो मई के आखिर तक 2200 मेगावाट के करीब अतिरिक्त बिजली का प्रबंध हरियाणा कर लेगा। इसमें से 600 मेगावाट की आपूर्ति अगले एक-दो दिन में होने की उम्मीद है।
झज्जर के सीएलपी पावर प्लांट में बुधवार से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए सभी तैयारियां हो चुकी हैं। 600 मेगावाट की यह यूनिट बंद पड़ी थी। यहां से सारी बिजली हरियाणा को मिलेगी। इसी तरह आरवी इंफ्रा ने हरियाणा को 500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की पेशकश की है।
वहीं दूसरी ओर, हिसार के खेदड़ स्थित थर्मल प्लांट से 10 मई के बाद 600 मेगावाट बिजली हरियाणा को मिलने लगेगी। फिलहाल खेदड़ यूनिट तकनीकी कारणों से बंद है। इसी तरह 19 मई को मीडियम टर्म के तहत 500 मेगावाट बिजली मिलेगी। अडानी ग्रुप की ओर से हरियाणा को पिछले एक साल से बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है।
अडानी के साथ सरकार ने 1550 मेगावाट बिजली के लिए दीर्घकालीन समझौता किया हुआ है। देसी की बजाय विदेशी कोयले का इस्तेमाल अडानी ग्रुप अपने प्लांट्स में कर रहा है। हरियाणा से विदेशी कोयले के इस्तेमाल पर आने वाली लागत समझौते से अलग मांगी जा रही है, लेकिन हरियाणा यह देने से इंकार कर चुका है। इस बार गर्मियां समय से पहले आने से बिजली की डिमांड बढ़ गई है। मंगलवार को 5700 से लेकर 8000 मेगावाट तक बिजली की डिमांड रही जबकि सरकार के पास 6500 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। ऐसे में एक से लेकर चार प्रतिशत तक पावर कट राज्य में लग रहे हैं। ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना में शामिल गांवों में भी 16 से 17 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। कोयले का भी संकट प्रदेश में गहरा रहा है।
प्रदेश में बिजली की स्थिति फिलहाल संतोषजनक है। डिमांड इस बार काफी अधिक है। नये एग्रीमेंट भी किए जा रहे हैं और थर्मल प्लांट्स के बंद यूनिट शुरू कर रहे हैं। अडानी ग्रुप के साथ भी बातचीत चल रही है। इस मसले पर मुख्यमंत्री के स्तर पर ही फैसला होगा।
-चौ.रणजीत सिंह, बिजली मंत्री