कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 26 अप्रैल
हिसार सोनी बर्न अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में देरी होने के कारण सोमवार को 5 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे। मरने वालों में एक मरीज पंजाब के मानसा जिले का, एक दिल्ली का व 3 हिसार के थे।
मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की मेडिकल बोर्ड की जांच के अलावा मजिस्ट्रियल इनक्वायरी के आदेश भी दे दिए हैं। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सोमवार सुबह उन्होंने जिला प्रशासन को मैसेज दिया था कि उनके पास सिर्फ 30 मिनट की ऑक्सीजन है और मरीज मरने वाले हैं। हालांकि इस संदेश के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंच गए थे लेकिन मैसेज के 40 मिनट के बाद 4 मरीजों की मौत हो गई। आधे घंटे बाद एक और मरीज की मौत हो गई। इस दौरान अस्पताल का वाहन ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल करवाने के लिए प्लांट के बाहर खड़ा था।
प्रशासन की लापरवाही से गयी जान : परिजन
कोरोना मरीजों की मौत की सूचना मिलने के बाद उनके परिजनों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अस्पताल के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
पंजाब के मानसा जिले से अपने पिता का उपचार करवाने आए एक युवक ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन हर सुबह 10 बजे उनसे अस्पताल की फीस के अलावा अन्य खर्च के लिए रुपये जमा करवा लेता था और थोड़ी सी देरी होने पर ऑक्सीजन नहीं लगाई।
रविवार रात को ऑक्सीजन का सिलेंडर खत्म हो गया तो वह दूसरे अस्पताल से लेकर आया लेकिन चिकित्सक ने सिलेंडर नहीं लगाया। एक मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल ने उनको रेमिडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक की बात कही और 25 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन मूल्य के हिसाब से उन्होंने 6 इंजेक्शन का भुगतान भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ रात को आकर सो जाता था, मरीजों पर कोई ध्यान नहीं देता था।
अस्पताल प्रबंधन की भी होगी जांच
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह सामने नहीं आया है ऑक्सीजन सप्लाई न होने के कारण मरीजों की मौत हुई है। इस बारे में मेडिकल बोर्ड के अलावा मजिस्ट्रियल इनक्वायरी के आदेश जारी कर दिए हैं जिसमें अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली की भी जांच होगी।
खुद दूसरे अस्पताल गया था आक्सीजन लेने : डाक्टर
अस्पताल के चिकित्सक डॉ. रजत सोनी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे जिले के अधिकारियों से ऑक्सीजन मांगते रहे। अस्पताल का वाहन ऑक्सीजन प्लांट के बाहर इंतजार कर रहा था। वे खुद एक मरीज के रिश्तेदार के साथ दूसरे अस्पताल में ऑक्सीजन का सिलेंडर लेने गए थे।
”सोनी बर्न अस्पताल में पांच कोरोना मरीजों की मृत्यु हुई। कुछ लोगों का आरोप है कि यह मृत्यु ऑक्सीजन की सप्लाई न होने के कारण हुई है। वहीं कुछ ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड तो अपनी जांच करेगा ही साथ ही मजिस्ट्रियल इनक्वायरी के लिए भी हिसार उपायुक्त को आदेश दिए हैं ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो।” -मनोहर लाल, मुख्यमंत्री