चंडीगढ़, 24 जुलाई (ट्रिन्यू)
केंद्र की मोदी सरकार के बाद हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने भी प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है। हरियाणा के कर्मियों व पेंशनरों काे अब 28 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। अभी तक 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता था। सरकार ने इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। राज्य में महंगाई भत्ता पहली जुलाई से लागू होगा।
केंद्र की तर्ज पर ही सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी शनिवार को कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी कर इसे 28 प्रतिशत करने का ऐलान किया। डीए में हुई 11 प्रतिशत बढ़ोतरी में पहली जनवरी, 2020, पहली जुलाई, 2020 पहली जनवरी, 2021 की देय महंगाई दरें भी शामिल हैं। इस फैसले से 2 लाख 85 हजार कर्मचारियों तथा 2 लाख 62 हजार पेंशनरों को लाभ मिलेगा। यानी राज्य में कुल 5 लाख 47 हजार कर्मियों-पेंशनरों को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा।
इससे राज्य सरकार के खजाने पर प्रतिमाह लगभग 210 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार ने अपने आदेश में पिछले तीन डीए के एरियर को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में कर्मचारियों ने सीएम के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए एरियर दिए जाने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा का कहना है कि एरियर के ही 3500 करोड़ रुपये बनते हैं, जिन्हें सरकार डकारने के तैयारी में है। कोरोना की पहली लहर के दौरान केंद्र सरकार ने डीए को फ्रीज कर दिया था। सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने 18 महीने के बकाया एरियर पर चुप्पी साधने पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही, शीघ्र महंगाई भत्ते में एरियर सहित बढ़ोतरी करने का पत्र जारी करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को 18 महीने के बकाया एरियर सहित महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी को लागू करवाने, पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों की अनदेखी को लेकर केंद्रीय कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। संघ ने 19 जुलाई को सरकार को पत्र लिखकर 18 महीने के एरियर सहित महंगाई भत्ते की दर में बढ़ोतरी करने के लिए 24 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था। संघ ने सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को भी 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने की मांग की है।
लाम्बा व सतीश सेठी ने बताया कि सरकार ने जुलाई, 2021 से महंगाई भत्ते की किश्त में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान तो किया है, लेकिन जनवरी, 2020 से जून, 2021 तक के 18 माह के बकाया पर चुप्पी साध ली है। जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों को (डीए, लीव इनकैशमेंट व ग्रेज्यूटी) में हुई कटौती से लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार को रिटायर हुए कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करना चाहिए। इस बारे संघ ने मुख्यमंत्री को पूरे आंकड़ों के साथ पत्र लिख कर जानकारी दी थी कि कर्मचारियों व पेंशनर्ज का 3500 करोड़ रुपये का सरकार के पास बकाया बनता है।
महंगाई बढ़ रही, पर नहीं मिला भत्ता : कर्मचारी नेता
कर्मचारी नेताओं लाम्बा व सेठी ने कहा कि जनवरी, 2020 में जब महंगाई भत्ता फ्रिज किया गया था तब से लेकर आज तक पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व खाद्य पदार्थों के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। रिकार्ड तोड़ महंगाई बढ़ी है। इसका आर्थिक बोझ कर्मचारियों पर पड़ा है। इसलिए बकाया का भुगतान किया जाना चाहिए। केरल की सरकार पहले ही महंगाई भत्ते का बकाया पेंशनर्ज को नकद व कर्मचारियों के खाते में जमा करवा चुकी है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि महंगाई का असर प्रदेश में काम करने वाले एक लाख से ज्यादा कच्चे कर्मचारियों पर और भी ज्यादा पड़ता है। चूंकि उनका वेतन पहले ही बहुत कम है। इसलिए सरकार को सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को भी इसका लाभ देना चाहिए।