ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 10 सितंबर
हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा है कि पुलिस द्वारा प्रदेश में नशा तस्करी के खिलाफ अभियान चलाते हुए 40 से अधिक तस्करों की पहचान की गई है, जिनके विरुद्ध बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी। रविवार को चंडीगढ़ में जारी एक जानकारी में कपूर ने बताया कि पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत अब तक 9 बड़े ड्रग तस्करों को प्रिवेंटिव हिरासत में लिया गया है। इस कार्रवाई के लिए प्रदेश पुलिस ने गृह विभाग से पहले मंजूरी ली थी। हिरासत में लिए गए सभी आरोपी लगातार नशे के व्यापार में शामिल थे और सक्रिय रूप से तस्करी कर रहे थे। कपूर ने बताया कि हिरासत में लिए आरोपी तस्कर सोनीपत, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पंचकूला और कैथल जिलों से संबंधित हैं। हरियाणा स्टेट नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा पकड़े गए आरोपियों की संपत्तियों की पहचान की जा रही है, ताकि इनकी अवैध संपत्ति को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत कुर्क व जब्त किया जा सके।
हरियाणा स्टेट नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एडीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि ब्यूरो ने प्रदेश में फैले नशे के व्यापार में लिप्त 40 से अधिक अन्य प्रमुख ड्रग तस्करों की भी पहचान की है। अवैध रूप से नशा तस्करी कर कमाई गई काली संपत्ति से बनाए गए मकान, दुकान को भी जल्द ही कुर्क किया जाएगा।
प्रिवेंटिव अरेस्ट में नहीं मिलती जमानत
नशीली दवाओं के बढ़ते व्यापार और नशे के नेक्सस के खिलाफ अपनी इस लड़ाई में, हरियाणा पुलिस नार्कोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी। पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और उनके मुख्य सरगनाओं व फाइनेंसरों पर नकेल कसने के लिए प्रावधान दिए गए हैं। इसके तहत प्रिवेंटिव हिरासत आदेश जारी किए जाते हैं, जिसके बाद पकड़े गये आरोपी को कम से कम एक वर्ष के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। इस दौरान जमानत भी नहीं मिलती।