सोनीपत, 18 फरवरी (हप्र)
किसानों ने बृहस्पतिवार को चार घंटे तक दिल्ली-अंबाला रेलमार्ग ठप रखा। इस दौरान महिला किसान भी काफी संख्या में पहुंची और अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
वहीं, किसानों की तैयारी काम आई और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन निपट गया। तय समय के अनुसार ठीक 12 बजे किसान रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और पटरियों के बीचोंबीच धरना लगा दिया। थोड़ी ही देर में किसानों का कारवां बढ़ने लगा और यहीं पर लंगर सेवा शुरू हो गई। किसानों ने कहा कि सरकार अगर हठ छोड़कर उनकी बात सुनती है तो ही इस समस्या का हल होगा।
किसान, कर्मचारी, मजदूर संगठनों ने लहराये झंडे
रेल रोको अभियान के तहत सोनीपत रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन किसान संगठन, कर्मचारी संगठन व मजदूर संगठनों के बैनर नजर आए। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी), भारतीय किसान यूनियन (अ), भारतीय किसान पंचायत,सीटू, एआईडीएसओ, किसान यूनियन (टिकैत) के अलावा कई अन्य संगठनों के नेता यहां पहुंचे थे। इस दौरान सत्यवान नरवाल, शमशेर दहिया, ईश्वर राठी, हरिप्रकाश कामरेड, श्रद्धानंद सोलंकी, आनंद शर्मा, साहिल के अलावा कई अन्य नेताओं ने किसानों को संबोधित किया।
गन्नौर में रुकी रही बठिंडा एक्सप्रेस
गन्नौर (निस) : रेल रोको आंदोलन के चलते रेलवे विभाग ने बठिंडा से दिल्ली जाने वाली बठिंडा एक्सप्रेस गाड़ी को सुरक्षा के दृष्टिगत गन्नौर रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया। इस दौरान किसानों ने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की। किसानों ने रेलवे स्टेशन पर पानी के कैंपर मंगवा कर उन्हें पानी पिलाया। किसानों ने कहा कि उनका मकसद आम लोगों को परेशान करना नहीं है, लेकिन सरकार को कानून वापस करने के लिए बाध्य करने के लिए उन्हें यह आंदोलन करना पड़ा है।