सुरेंद्र मेहता /हप्र
यमुनानगर, 21 अगस्त
यमुनानगर से निकलने वाली वेस्टर्न यमुना कैनाल को हरियाणा के चार प्रमुख विभाग ही दूषित कर रहे हैं। इन विभागों द्वारा डब्ल्यूजेसी में डाला जाने वाला पानी पीने योग्य नहीं है। हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने पिछले दिनों जिले के अलग-अलग स्थानों से 20 सैंपल लिए थे जिनमें से अधिकार सैंपल फेल पाए गए हैं। यहां पानी में बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) जो प्रति लीटर 30 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए वह कहीं 50 कहीं और कुछ जगह तो 260 तक भी पहुंच गई है। इसका मतलब यह हुआ कि यह पानी इंसान तो क्या जानवरों के पीने के योग्य भी नहीं है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर निर्मल कुमार ने बताया कि यमुनानगर नगर निगम, जन स्वास्थ्य विभाग, जिला ब्लॉक एवं पंचायत अधिकारी एवं नगरपालिका रादौर को नोटिस दिए गए हैं कि वह 15 दिनों में जवाब दें कि वह डब्ल्यूजेसी में पानी डालना बंद करें और इसके लिए उनकी क्या प्लानिंग है।
कैनाल में पानी गिराने पर पाबंदी
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ने भी इन्हीं विभागों को नोटिस जारी करके डब्ल्यूजेसी में पानी गिराने पर पाबंदी लगाई है। विभाग के कार्यकारी अभियंता हरिदेव कंबोज का कहना है कि इन विभागों को लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वेस्टर्न जमुना कैनाल में गंदा जहरीला पानी डाला जा रहा है जिसके बाद इन लोगों को विभागों को अंतिम नोटिस दिया जा रहा है।