कैथल (हप्र) : हरियाणा ग्रामीण बैंक के पूर्व निदेशक और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान पीएल भारद्वाज ने थाना टोल प्लाजा पर तीन कृषि काले कानूनों के विरोध में बैठे संयुक्त किसान मोर्चा को धरना स्थल पर जाकर समर्थन दिया। भारद्वाज ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान दिल्ली के बॉर्डर पर व विभिन्न धरना स्थलों पर अपने आप को अकेला न समझे। आज समाज का हर वर्ग किसानों के साथ है। भारद्वाज ने कहा कि भाजपा व जजपा की सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आज प्रदेश का किसान व हर वर्ग सड़कों पर उतरने को मजबूर है। धरना स्थल पर आंदोलनरत किसान नेता सुरेश बंदराना, सुमेर ढांडा, राजवीर थाना, अंग्रेज सिंह, धर्मपाल नोच ने कहा कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 30 अप्रैल को संयुक्त मोर्चा के नेताओं की एक बैठक होगी जिसमें धरने को और ज्यादा सफल बनाने में गति देने के लिए विचार किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ राजपाल कौशल, विजय शर्मा, किसान नेता ओमपाल थाना, जिंदर सिंह, ऋषि थाना, जसमेर कवार्तन, जगदीश नोच आदि भी मौजूद थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।