इन्द्री, 7 अप्रैल (निस)
इन्द्री स्थित एसडीएम कार्यालय के गेट पर रिटायर्ड कर्मचारी संघ से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने एकदिवसीय धरना कार्यक्रम के दौरान सरकार पर जनविरोधी नीतियों पर आरोप लगाते हुए जोरदार नारेबाजी की। धरने के बाद कर्मचारी नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुंचे और संघ के राज्य उप महासचिव वाईपी यादव, वरिष्ठ जिला उपप्रधान बलराज सिंह, प्रधान डॉ. किरण कांबोज व सचिव पृथ्वीराज रैगोर की अगुवाई में एसडीएम सुमित सिहाग को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। धरने की अध्यक्षता सेवानिवृत्त कर्मचारी मान सिंह ने की और संचालन विजय पाल सिंह कांबोज ने किया।
वाईपी यादव और बलराज सिंह ने कहा कि सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। 2020 से बढ़े डीए को देना बंद कर दिया है जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार करीब 4 महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांगों को मानने की बजाय उन्हीं के खिलाफ दुष्प्रचार में लगी हुई है। इस मौके पर जगदीश चन्द्र, ओमप्रकाश वर्मा, राज कुमार कश्यप, सुरजीत सिंह, नरेन्द्र सिंह, अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान मान सिंह आदि मौजूद रहे।
रिटायर्ड कर्मचारियों ने लघु सचिवालय में दिया धरना
कैथल (हप्र) : लघु सचिवालय में रिटायर कर्मचारी संघ के बैनर तले रिटायर कर्मचारियों ने धरना दिया और नारेबाजी की। रिटायर्ड कर्मचारी नेता सतीश कुमार ने बताया कि सरकार उनकी लंबे समय से अनदेखी कर रही है। उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा। उनकी मुख्य मांगों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, एम.एस.पी. पर कानून बनाकर फसलों की खरीदारी सुनिश्चित करने, किसानों की फसलों के स्वामीनाथन आयोग के अनुसार देने, पंजाब की तर्ज पर बुजुर्गों की पेंशन में वृद्धि करने आदि शामिल हैं।
पूर्व कर्मचारियों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
कलायत (निस) : सरकार द्वारा पूर्व कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने पर उन्होंने एसडीएम कार्यालय प्रांगण में 2 घंटे का धरना दिया। धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। इसके अलावा मांगें पूरी करने के लिए एसडीएम वीरेंद्र सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन कर रहे पूर्व कर्मचारी हरफूल, हरिओम, शांति देवी, नफे सिंह, सत्यवान, रामस्वरूप, कर्णसिंह व रमेश तथा दूसरे कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मुख्य मांगों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कानूनों को वापस लेन व एमएसपी पर कानून बनाकर फसल खरीद सुनिश्चित की जाए, किसानों की फसल को स्वामीनाथन आयोग के अनुसार उचित मूल्य व किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ करने आदि की मांग शामिल है।