हिसार, 18 दिसंबर (हप्र)
प्रॉपर्टी डीलर रविंदर ढाका की हत्या के तीन दिन बाद शनिवार को उनके पार्थिव शरीर का अग्रोहा कस्बे में अंतिम संस्कार किया गया। दाह संस्कार उस समय अटक गया था जब दो महिलाओं ने उसकी पत्नी होने का दावा किया था। शनिवार को हुई एक पंचायत में दोनों पत्नियों के बच्चों से संस्कार करवाने की बात पर सहमति बनी।
रविंद्र ढाका की 15 दिसंबर को हिसार में एक ई-रिक्शा चालक ने 10 रुपये के किराए के विवाद में चाकू मारकर हत्या कर दी थी। रिक्शा चालक 30 रुपये मांग रहा था जबकि रविंद्र 20 रुपये दे रहा था। पुलिस ने रिक्शा चालक कृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है।
रविंद्र की हत्या के बाद, 15 दिसंबर को लक्ष्मी नामक महिला ने स्वयं को उसकी पत्नी बताया और 16 दिसंबर को अग्रोहा निवासी अनीता नामक महिला पुलिस के पास आई और उसने स्वयं को रविंद्र की पत्नी बताया और शव पर दावा किया।
पंचायत में मौजूद सूत्रों ने बताया कि पहली पत्नी अनीता से उसका 22 साल का एक बेटा था और दोनों के बीच तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है। रविंद्र ढाका ने 2014 में इस्लाम धर्म अपनाकर दूसरी महिला लक्ष्मी से शादी कर ली थी और उसकी दूसरी पत्नी से 7 साल और नौ महीने की उम्र के दो बच्चे थे। इस विवाद के बाद पुलिस ने शव को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में रखवाया।
शनिवार को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सामाजिक पंचायत में दोनों पत्नियों के रिश्तेदार और परिवार के सदस्य शामिल हुए। दोनों पक्षों ने दोनों पत्नियों के बच्चों की मौजूदगी में शव का दाह संस्कार करने पर सहमति जताई।