रेवाड़ी, 20 मई (निस)
प्रदेश में लॉकडाउन का तीसरा सप्ताह होने से पहले शहर की विभिन्न ट्रेडर्स यूनियन पदाधिकारियों ने प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। इसमें बताया कि दवा व परचून के अलावा भी जीवन में बहुत सी चीजों की जरूरत पड़ती है। इनमें बिजली, ऑटो पाट्र्स, आभूषण सहित जरनल मर्चेंट का सामान भी शामिल है। ऐसे में लोगों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए लॉकडाउन में प्रत्येक सप्ताह सभी ट्रेडर्स को दो-दो दिन दुकान खोलने का मौका देना चाहिए। बाकी दुकानों की तरह सप्ताह में दो दिन परचून तथा तीन दिन ऑटो मार्केट खुलनी चाहिए। ऐसा करने से न केवल लोगों की सभी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा, बल्कि पिछले करीब 15 दिन से घरों में बंद दूसरे ट्रेडर्स को काम करने का मौका मिलेगा। ट्रेडर्स ने इसके साथ ही सोशल मीडिया व फेसबुक पर सक्रियता दिखा रहे जनप्रतिनिधियों को फील्ड में उतरकर काम करने तथा ट्रेडर्स व आम लोगों की समस्या जानने के लिए एक अलग से सक्षम नोडल अधिकारी नियुक्त फोन नंबर सार्वजनिक करने की मांग की है, ताकि हर कोई आसानी से उनके सामने अपनी समस्या रख सके।
बृहस्पतिवार को नीरज सोनी, अनिल अनेजा, विपिन, सुरेश सैनी, निक्कू राव, अभिषेक झांब, चंद्र शेखर, सरदार बलबीर सिंह, रामचंद्र, प्रदीप जैन व धीरज शर्मा ने प्रशासन से सप्ताह में किरयाना सहित सभी ट्रेडर्स को दो-दो दिन (सुबह 9 से दोपहर दो बजे तक) दुकानें खोलने का मौका देने की मांग की।
जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी
ट्रेडर्स ने कहा कि चुनाव के वक्त हर गली मोहल्ले पर फोन नंबर के साथ नेताओं के पोस्टर व फूलमालाओं के साथ निकलने वाले जूलुस दिखाई पड़ते हैं। चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि अब सोशल मीडिया व फेसबुक तक सिमटकर रह गए हैं। लंबे समय से लगे लॉकडाउन से बड़े-बड़े टेडर्स परेशानी में हैं। जिससे छोटे दुकानदारों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ट्रेडर्स व आम लोगों को जिस वक्त जनप्रतिनिधियों की सबसे अधिक जरूरत है, उसी समय वह उन्हें उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने न तो स्वयं ट्रेडर्स की सुध ली तथा न ही प्रशासन के साथ एक मीटिंग करवाकर ट्रेडर्स को अपनी समस्याएं प्रशासन के सामने रखने का प्लेटफार्म मुहैया करवा सके।