अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 2 अप्रैल (हप्र)
जज के फर्जी आदेश दिखा कर अंकतालिका में अपनी उम्र बदलवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। फर्जी जन्मतिथि से एक व्यक्ति भिवानी बोर्ड में भी नौकरी लगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से अंकतालिका में उम्र कम करवाने के मामले में 187 लोगों की अंकतालिकाओं को रद्द कर दिया है। साथ ही दसवीं और 12वीं की अंकतालिका को भी आधार बनाकर नौकरी पाने वाले लोगों के सभी विभागों को पत्र लिख दिया है। पत्र में फर्जी आदेश से उम्र बदलवाने की बात कही गई है। 187 लोगों ने अपनी जन्मतिथि बदलवा कर मार्कशीट बदलवायी। मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब ऑनलाइन वेरीफिकेशन की गई। कोर्ट के आदेश को बोर्ड अधिकारियों ने ऑनलाइन चैक किया तो वह नहीं मिला। पानीपत से सेशन जज लेवल तक पत्र भेजा गया। जांच हुई तो जिसमें सभी आदेश फर्जी मिले। उस जांच के बाद बोर्ड ने 2017 से 2019 तक के रिकार्ड की अपने स्तर पर जांच की और 187 लोगों की अंकतालिका को फर्जी पाया।
एक युवक काबू, जेल भेजा
भिवानी बोर्ड की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। जिन 187 विद्यार्थियों ने फर्जीवाड़ा किया है उसके पीछे एक युवक का हाथ है जिसने जज के फर्जी आदेश तैयार करवाए हैं। जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस मामले में झज्जर के खारेड़ा गांव निवासी गोविंद को पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद उसे अदालत में पेश किया और उसे जेल भेज दिया था। पुलिस के समक्ष गोविंद ने कई नाम बताए हैं। उनको पकड़ने के लिए पुलिस की तरफ से छापेमारी की जा रही है। उनके सामने आने के बाद ही सही गिरोह का पता चल पाएगा।
नौकरी लगे व्यक्तियों के विभागों को भेजे पत्र
मामले में सामने आया कि एक युवक की बोर्ड में क्लर्क के पद पर भी नौकरी लगी थी। उसके अलावा सेना सहित अनेक विभागों में लोगों ने नौकरी पाई। अब बोर्ड ने सभी संबंधित विभागों को उन व्यक्तियों के बारे में पत्र लिख दिया है। जिला के इकोनॉमिक सेल की तरफ से इस मामले की जांच की जा रही है। बोर्ड सचिव व अध्यक्ष के अनुसार सरकारी नौकरी पाने वाले सभी संबंधित विभागों को अंकतालिका फर्जी होने के बारे में सूचित कर दिया है।
अब आने वाले आदेशों की पहले होगी जांच
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बोर्ड ने निर्णय लिया है कि यदि कोई आदेश उनके पास आता है तो पहले उसकी जांच होगी। उसके बाद विद्यार्थी या अन्य व्यक्ति का काम होगा। इससे काम में थोड़ी देरी तो होगी लेकिन फर्जीवाड़े से बचा जा सकेगा।
अंकतालिका रद्द होने पर हाईकोर्ट में की अपील
अंकतालिका को रद्द करने के बाद भिवानी बोर्ड में तैनात क्लर्क ने हाईकोर्ट में केस डाला है। केस में क्लर्क ने उसके साथ ही धोखाधड़ी होने और बोर्ड को पहले की अंकतालिका जारी करने की बात रखी है। बोर्ड अध्यक्ष डॉ़ जगबीर सिंह के मुताबिक मामले को लेकर हाईकोर्ट में बोर्ड प्रखरता व मजबूती के साथ पक्ष रखेगा।