चंडीगढ़, 25 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में शराब ठेकों की लाइसेंस फीस से सरकार की अच्छी कमाई हुई है। ठेकों के आवंटन के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य से करीब 28.15 प्रतिशत की अधिक दरों पर ठेकों की अलॉटमेंट हुई है। अब तक प्रदेश के 3 जोन के ठेकों की अलॉटमेंट हुई है और इससे 916 करोड़ 61 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। अभी एक और जोन बाकी है, जिसकी ऑक्शन होनी है। माना जा रहा है कि इस बार केवल ठेकों की अलॉटमेंट से ही आबकारी एवं कराधान विभाग को 1200 करोड़ अतिरिक्त मिल सकते हैं। प्रदेश की नयी एक्साइज पॉलिसी को पिछले दिनों मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। पॉलिसी 12 जून से लागू होनी है। इससे पहले ठेकों की अलॉटमेंट के लिए ऑक्शन चल रही है। तीसरे जोन के अंतर्गत गुरुग्राम (ईस्ट), जगाधरी, झज्जर, जींद, पंचकूला और रेवाड़ी जिलों में ठेकों की ऑक्शन हुई। इन 6 जिलों में ठेकों की ऑक्शन के लिए 1215 करोड़ 20 लाख रुपये लाइसेंस फीस के रूप में रिजर्व प्राइस तय की थी। ऑक्शन में यह बढ़कर 1557 करोड़ 25 लाख रुपये तक पहुंच गई।
इन 6 जिलों के तीसरे जोन से विभाग को 342 करोड़ 5 लाख रुपये अतिरिक्त मिले हैं। इससे पहले ‘ए’ जिलों के जोन की ऑक्शन से सरकार को 243 करोड़ 74 लाख रुपये अतिरिक्त मिले थे। ‘बी’ जोन के जिलों की ऑक्शन से 330 करोड़ 82 लाख रुपये अतिरिक्त सरकारी खजाने में आए थे। माना जा रहा है कि चौथे जोन की ऑक्शन से भी 300 करोड़ रुपये के लगभग अतिरिक्त मिलने की उम्मीद है। ऐसे में नयी पॉलिसी से ठेकों की ऑक्शन से ही सरकार को करीब 1200 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे। खट्टर सरकार के पहले टर्म के आखिरी वर्ष की एक्साइज पॉलिसी से लगभग 5500 करोड़ रुपये की आय शराब की बिक्री से होनी थी, लेकिन पिछले ढाई वर्षों में यह बढ़कर 8 हजार करोड़ को पार कर गई है। इस बार का लक्ष्य 9 हजार करोड़ रुपये कमाने का है। विभाग का कहना है कि ठेकों की अलॉटमेंट से होने वाली 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई का फायदा आने वाले दिनों में एक्साइज ड्यूटी और वैट बढ़ोतरी में भी मिलेगा। पिछले 15-20 साल में यह पहला मौका है, जब नीलामी से इतनी अतिरिक्त राशि सरकार को मिली है।