चंडीगढ़, 16 सितंबर (ट्रिन्यू)
स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर लगे करीब 11 हजार स्पोर्टिंग स्टाफ पर एक बार फिर नौकरी जाने का खतरा मंडराने लगा है। इन ठेका कर्मचारियों का कांट्रैक्ट 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। अभी तक विभाग की ओर से कांट्रैक्ट रिन्यू करने पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है। इसके कारण स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी, वार्ड सर्वेंट, प्लंबर, माली, धोबी, लिफ्टमैन, इलेक्ट्रिशियन तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर इन कर्मियों का अनुबंध एक साल के लिए बढ़ाने, ठेकेदारों को बीच से हटाकर सीधा विभाग के पे-रोल पर लेने, समान काम-समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। संघ प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि अगर कोरोना यौद्धा कहे जाने वाले ठेका कर्मचारियों का 19 सितंबर तक सेवा विस्तार नहीं किया तो सभी ठेका कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन पर फैसला लेने के लिए स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन हरियाणा की 20 सितंबर को कर्मचारी भवन रोहतक में बुलाई है। लांबा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर सिक्योरिटी गार्ड को छोड़कर बाकी स्पोर्टिंग स्टाफ यानी ठेके पर लगे कर्मचारियों के स्थान पर नये सिरे से भर्ती करने के लिए कह दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मुहिम से ऐसा लगता है कि उसकी प्राथमिकता कोरोना से जंग लड़ने की बजाय विभिन्न विभागों में तैनात ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकलने की है।
कई विभागों से हटा चुकी है सरकार
सुभाष लांबा ने कहा कि इससे पहले भी सरकार लाॅकडाउन में 1983 पीटीआई, टूरिज्म निगम से 424, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र से 64 सफाई कर्मचारियों, एचएसवीपी के पंचकूला, रोहतक व फरीदाबाद से करीब 50 डाटा एंट्री ऑपरेटर, आरोही स्कूलों से करीब 500 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों और आईटीआई सहित कई अन्य विभागों से हजारों की संख्या में ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। नवचयनित लिपिकों के बाद अब सरकार हजारों की संख्या में विभिन्न विभागों से पहले से लगे ठेका कर्मचारियों के फरमान जारी होने वाले हैं।