गुरुग्राम, 6 मई (हप्र)
कोरोना महामारी के कारण बदहाल व्यवस्था को संभालने के लिए निजी एंबुलेंस संचालकों ने अपने वाहनों को पुनः चलाने का फैसला लिया है। इन्होंने प्रशासन पर असंवैधानिक रवैया अपनाने और डीसी व आरटीए पर मनमानी करने का आरोप लगाया। इससे पहले नए रेट निर्धारित करने के बावजूद नाखुश संचालक डीसी से मिलने उनके कैंप कार्यालय पहुंचे लेकिन डीसी ने एंबुलेंस संचालकों से मिलने से इंकार कर दिया तथा मौके पर पुलिस बल बुला लिया।
निजी एंबुलेंस संचालकों का 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आॅल इंडिया प्राइवेट एंबुलेंस वैलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र तंवर की अध्यक्षता में डीसी से मिलने उनके निवास पर पहुंचा। इन्हें देखते ही कैंप कार्यालय पर मौजूद पुलिसकर्मी ने गेट बंद कर ताला लगा लिया। काफी अनुरोध के बाद जब गार्ड ने एंबुलेंस संचालकों के प्रतिनिधि मंडल के आगमन की सूचना भेजी तो डीसी ने इनसे मुलाकात करने से इंकार कर दिया। इसी बीच कैंप कार्यालय पर इंस्पेक्टर वेद प्रकाश व बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंच गए। निजी एंबुलेंस संचालकों के बार-बार आग्रह करने पर नायब तहसीलदार सुनील कुमार उनका ज्ञापन लेने पहुंचे। एंबुलेंस संचालकों ने इन्हें बताया कि डीसी ने अपने स्तर पर जो रेट (500, 700, 1000 व 25 रुपये प्रति किलोमीटर) निर्धारित किए हैं वह बेहद कम हैं। इन्होंने बताया कि एंबुलेंस चालकों को कोरोना के कारण अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। इसके अलावा पीपीई किट, पेट्रोल, सेनेटाइजर, घंटों इंतजार की अवधि के दौरान चालक व सहयोगी को खाने-पीने की व्यवस्था के लिए अलग से पैसा देना पड़ता है। इसके अलावा प्रत्येक राउंड के बाद एंबुलेंस को विशेष तरीके से सेनेटाइज करवाया जाता है। कई गुणा अधिक दाम चुकाकर आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करनी पड़ती है। ऐसे में यह राशि किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं है।
क्या कहते हैं एसोसिएशन प्रतिनिधि
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेश यादव, पूर्व प्रधान विपिन जयसवाल व कन्हैया के अनुसार, ‘हमने 15 किलोमीटर तक छोटी एंबुलेंस के लिए 3500 रुपये एकमुश्त, बड़ी एंबूलेंस के लिए पांच हजार और लाइफ केयर सिस्टम आधारिक एंबुलेंस के लिए 5500 रुपये तथा 50 रुपये प्रति किलोमीटर भुगतान की दर निर्धारित करने का आग्रह किया है।’
एप बेस्ड एंबुलेंस सेवा ने करवाई किरकिरी
प्राइवेट एंबुलेंस वैलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र तंवर के अनुसार, ‘एसोसिएशन इस संकट के दौर में पीड़ितों के परिजनों के साथ खड़ी है। अधिक शुल्क वसूली की शिकायतें हमें भी मिली हैं, उनकी अपने स्तर पर जांच करके प्रशासन को ऐसा करने वालों की सूची देंगे।’ साथ ही उन्होंने बताया कि एप आधारित एंबुलेंस इस आपदा के दौर का फायदा उठा रही हैं। लेकिन इससे बदनाम निजी एंबुलेंस संचालक हो रहे हैं। उन्होंने ऐसे अनेक उदाहरण भी दिए जिसमें एप आधारित कंपनियों ने एंबुलेंस सेवा की बुकिंग के बदले संबंधित परिजनों से कई गुणा राशि वसूल की। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम से लुधियाना के लिए जिस एंबुलेंस संचालक ने 1 लाख 20 हजार रुपये वसूले हैं, वह दिल्ली की है।