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पिराई सत्र के दो दिन बाद भी गन्ने का इंतजार

पर्याप्त आवक नहीं होने से सोनीपत चीनी मिल प्रशासन परेशान

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सोनीपत में शनिवार को चीनी मिल में खड़ी गन्ने से भरी ट्रालियां। -हप्र
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सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र शुरू होने के 48 घंटे बाद भी पिराई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। कारण मिल में अभी तक गन्ने की पर्याप्त आवक नहीं हो पाई। इससे मिल की चिंताओं को बढ़ा दिया है। ऐसे में प्रशासन को पिराई प्रक्रिया शुरू करने के लिए पर्याप्त गन्ने का इंतजार करना पड़ेगा। आवक का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार दोपहर बाद तक करीब 15 हजार क्विंटल गन्ने का का ही टोकन किसानों द्वारा बुक किया गया है। इसमें से डोंगा पर 880 क्विंटल, यार्ड में 980 क्विंटल और फील्ड में करीब 13 हजार क्विंटल गन्ना खड़ा है। पर्याप्त गन्ना मिल में न पहुंच पाने की वजह से शनिवार बाद दोपहर तक मिल में पिराई का काम शुरू नहीं हो पाया। हालांकि मिल प्रशासन ने किसानों से अपील की कि जल्द से जल्द गन्ना लेकर मिल में पहुंचे। इसके लिए मिल प्रशासन द्वारा 70 हजार से अधिक क्विंटल गन्ने की पर्चियां भी जारी कर रखी है। बता दें कि बृहस्पतिवार को सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र का विधिवत रूप से शुभारंभ किया था। जिसके बाद किसानों ने भी राहत की सांस ली थी। परंतु शुभारंभ के दो दिन के बाद भी पर्याप्त मात्रा में गन्ना न पहुंचने के कारण पिराई का काम शुरू नहीं हो पाया। पिराई का काम शुरू करने से पहले कम से कम 20 से 25 हजार क्विंटल गन्ना यार्ड में होना चाहिए।

22 हजार क्विंटल प्रतिदिन पिराई की है क्षमता

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सोनीपत चीनी मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। जल्द से जल्द पर्याप्त गन्ना मंगवाने की कवायद मे जुटे मिल प्रशासन ने किसानों के लिए 10 दिसंबर तक 30 प्रतिशत अतिरिक्त वेट ओपन कर दिया है। जिसके चलते किसान पर्ची के हिसाब से 30 प्रतिशत अतिरिक्त गन्ना लेकर मिल में पहुंच सकते हैं। इस कड़ी में सोनीपत चीनी मिल ने हालांकि अभी अगेती किस्म के गन्ने की पर्चियां ही जारी की है। दरअसल सोनीपत चीनी मिल प्रशासन ने प्रशासन के साथ इस बार 32 लाख क्विंटल गन्ने की ही बॉडिंग की है। मिल प्रशासन का लक्ष्य अप्रैल माह के अंतिम दिनों तक गन्ने की पिराई करने का है।

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