गीतांजलि गायत्री/ट्रिन्यू
गुरुग्राम, 24 जनवरी
रेंगते वाहन, हॉर्न का शोर और सड़कों पर तिल रखने की भी जगह नहीं। हाईटेक शहर गुरुग्राम में ‘पीक अवर्स’ के दौरान यातायात व्यवस्था का दम घुटता नजर आता है। जरा-जरा सी दूरी तय करने में दो घंटे लग जाते हैं।
जिला मुख्यालय और अन्य तीन अन्य स्थानों जिनमें बादशाहपुर और सोहना शामिल हैं, से जुटाई गयी जानकारी के मुताबिक शहर में हर साल 30 हजार से अधिक नए वाहन पंजीकृत होते हैं। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर टोल में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में वाहनों की संख्या लगभग 6.80 लाख थी जो अगले साल यानी 2022 में 10.50 लाख हो गई। जिन इलाकों में सबसे लंबा जाम लगता है उनमें इफको, हीरो होंडा और राजीव चौक शामिल हैं। इनके अलावा पुरानी रेलवे रोड, नयी रेलवे रोड, बस स्टैंड के आसपास हर समय जाम लगा रहता है।
यहां के निवासी कर्नल राज सिंह कहते हैं, ‘उद्योग विहार में महज 200 मीटर की दूरी तय करने में 45 मिनट लग जाते हैं। यहां सड़कों को तत्काल चौड़ा करने की आवश्यकता है। टेंडर भी हुई, लेकिन काम नहीं। इस जाम को पार करते हैं तो आगे, एक्सप्रेसवे पर भी हमेशा भारी ट्रैफ़िक रहता है। ट्रैफ़िक के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए जरूरी अंडरपास और सड़कों के चौड़ीकरण पर काम नहीं हो रहा।’ सेक्टर 38 में रहने वाले अशोक यादव का कहना है कि उनका सेक्टर कुछ दफ्तरों और तीन बड़े अस्पतालों से घिरा है। लोग सुबह-सुबह यहां भारी जाम में फंस जाते हैं। वह कहते हैं, ‘सरकार को इस ट्रैफ़िक अराजकता का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।’ यादव आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष भी हैं। वह कहते हैं कि लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।