गुरुग्राम, 2 अगस्त (हप्र)
शहर के बड़े पार्कों व चुनींदा स्थानों पर माइक्रो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने की दो साल पुरानी योजना शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। कई पार्षदों ने इस प्रोजेक्ट को आर्थिक दबाव बनाने वाला बताते हुए इसका विरोध किया है। एक माइक्रो एसटीपी के निर्माण पर 90 से 95 लाख रुपये की लागत आएगी। डिप्टी मेयर सुनीता यादव ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद ही इनका निर्माण शुरू होने दिया जाएगा।
सीवर के पानी का इस्तेमाल पार्कों की सिंचाई व दूसरे कार्यों में किए जाने को लेकर नगर निगम ने वर्ष 2019 में माइक्रो एसटीपी प्लांट्स लगाने की योजना बनाई थी। शहर के बड़े पार्कों तथा चिहिन्त स्थानों पर 91 माइक्रो एसटीपी लगाने थे। रविंद्र यादव, महेश दायमा, राकेश यादव समेत कई पार्षदों ने कहा कि पहले लगाये 8 माइक्रो एसटीपी के कार्य मूल्यांकन बिना 91 करोड़ खर्च करना सिर्फ आर्थिक दबाव बढ़ाने जैसा है। पार्षदों के सुझाव को डिप्टी मेयर सुनीता यादव ने गंभीरता लिया है। एक्सईएन का कहना है कि साल के अंत तक माइक्रो एसटीपी लगाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
“पार्षदों का विरोध गलत नहीं है। अभी तक जो माइक्रो एसटीपी स्थापित किए गए हैं उनका कार्य और परफोर्मेंस का आंकलन किया जाएगा। यदि इंजीनियरिंग विंग के अधिकारी इनके कार्य से संतुष्ट हुए तो इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा, अन्यथा इनका काम रुकवाया जाएगा।”
-सुनीता यादव, डिप्टी मेयर, एमसीजी