सेक्सटॉर्शन, फर्जी बैंक खाता और ऑनलाइन ठगी... नूंह Cyber Crime पुलिस ने तोड़ा गैंग का जाल
Cyber Crime: नूंह साइबर क्राइम पुलिस ने छह शातिर अपराधियों को पकड़ा
Cyber Crime: नूंह जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए छह शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह शातिर अपराधी लंबे समय से ऑनलाइन ठगी, सेक्सटॉर्शन, फर्जी बैंक खातों की बिक्री और पुराने सिक्कों की आड़ में लोगों को ठगने के अपराध में लिप्त थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अरशद पुत्र जुम्मा और वसीम पुत्र नजर, दोनों निवासी गांव चित्तौड़ा थाना फिरोजपुर झिरका (जिला नूंह), आमिर पुत्र बरकत निवासी गांव लफुरी थाना बिछौर (जिला नूंह), साबिर खान पुत्र हुसैन खान निवासी गांव खरड़ धोलेत थाना पहाड़ी (राजस्थान), जलालुद्दीन पुत्र फजरुद्दीन निवासी बन्दापुर जोड़ियां थाना चोपनकी (अलवर, राजस्थान) तथा सत्यम सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी जालौन (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार ये सभी आरोपी विभिन्न राज्यों में फैले साइबर ठगी के नेटवर्क का हिस्सा थे, जो मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि अरशद और वसीम फर्जी मोबाइल नंबरों और सिम कार्डों का प्रयोग करते हुए खुद को बैंक प्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को कॉल और मैसेज भेजते थे। वे केवाईसी अपडेट, खाता ब्लॉक होने या इनाम जीतने का लालच देकर ओटीपी और बैंक डिटेल हासिल कर खातों से रकम उड़ा लेते थे।
आमिर पुत्र बरकत का कार्य-क्षेत्र और भी खतरनाक था ,जो सोशल मीडिया पर नकली महिला प्रोफाइल बनाकर पुरुषों को फंसाता था और फिर अश्लील वीडियो कॉल कर रिकॉर्डिंग बनाकर ब्लैकमेल करता था। आरोपी लोगों से रुपये ऐंठने के लिए उन्हें बदनाम करने की धमकी देता था।
वहीं साबिर खान पुत्र हुसैन खान पुराने सिक्कों और नोटों की बिक्री के नाम पर ठगी करता था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर "ओल्ड कॉइन सेल" के नाम से पेज बनाकर दुर्लभ सिक्कों की बिक्री का झांसा देता और फिर एडवांस भुगतान लेते ही गायब हो जाता था।
जलालुद्दीन पुत्र फजरुद्दीन का काम दूसरों के लिए फर्जी बैंक खाते खुलवाना था। वह पहचान छिपाकर बैंक खाता और एटीएम किट तैयार करता था, जिन्हें बाद में अन्य साइबर अपराधियों को बेच दिया जाता था। इन खातों का प्रयोग ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था।
वहीं सत्यम सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह जालौन (उत्तर प्रदेश) से इस नेटवर्क का संचालन करता था। वह ऑनलाइन लेन-देन के जरिए ठगी गई रकम को विभिन्न डिजिटल वॉलेट और क्रिप्टो खातों में ट्रांसफर करने में विशेषज्ञ था। साइबर क्राइम थाना नूंह की टीम ने आरोपियों के कब्जे से कई मोबाइल फोन, 20 से अधिक फर्जी सिम कार्ड,बार कोड, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, और ठगी में इस्तेमाल किए गए अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में सक्रिय अन्य साइबर गिरोहों से हैं।
तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि आरोपी ठगी की रकम अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों और ई-वॉलेट में भेजकर ट्रेल मिटाने की कोशिश करते थे। कई अंतरराज्यीय नंबरों और आईपी एड्रेस की पहचान कर ली गई है, जिन पर आगे जांच जारी है। सभी आरोपियों के खिलाफ की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान और भी लोगों के नाम सामने आने की संभावना है, जो इस गिरोह का हिस्सा रहे हैं।

