चंडीगढ़, 1 दिसंबर (ट्रिन्यू)
लॉकडाउन के दौरान हरियाणा की तहसीलों में हुए रजिस्ट्री घोटाले की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। गुरुग्राम जिले के आधा दर्जन से अधिक रेवन्यू अधिकारियों को सस्पेंड भी किया जा चुका है। गुरुग्राम जिले में एक और बड़ा कारनामा होने का खुलासा हुआ है। यहां रजिस्ट्रियों में तहसील के सरकारी कैमरे का इस्तेमाल करने की बजाय जमीन खरीदने व बेचने वालों के मोबाइल फोन से ही फोटो ली गई।
यह खुलासा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल के पास पहुंची अब तक की रिपोर्ट के बाद हुआ है। दरअसल, अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम-7ए का फायदा उठाकर तहसीलों में रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा हुआ। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अलावा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही। नियम-7ए में अप्रैल-2017 में संशोधन हुआ था।
लॉकडाउन में रजिस्ट्री घोटाला खुलने के बाद सरकार ने संशोधन लागू होने के बाद से अब तक यानी लगभग तीन वर्षों के दौरान नियम-7ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों की जांच कराने का फैसला लिया। एफसीआर संजीव कौशल ने इसके लिए सभी मंडलायुक्तों व जिला उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की थी। यह रिपोर्ट 16 अक्तूबर तक आनी थी, लेकिन अभी तक केवल 3 ही मंडलायुक्तों की रिपोर्ट आई है। यह रिपोर्ट भी आधी-अधूरी है।
10 दिसंबर तक दें रिपोर्ट
ऐसे में सभी अधिकारियों को फिर से पत्र लिखकर 10 दिसंबर तक पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। जिन तीन मंडलायुक्तों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी है, उन्हें भी फटकार पड़ी है। गुरुग्राम में मोबाइल फोन से जमीन बेचने और खरीदने वालों के फोटो लेने की घटना के बाद अब विभाग और गहनता से जांच में जुट गया है। इतना ही नहीं, नियम-7ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों से जुड़े पटवारियों व कंप्यूटर ऑपरेटरों की डिटेल भी मुख्यालय तलब की गई है।
दरअसल, विभाग को यह लगता है कि इस पूरे मामले में रेवेन्यू व दूसरे विभाग के अधिकारियों के अलावा पटवारी और कंप्यूटर ऑपरेटर भी शामिल रहे। विस्तृत जानकारी आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। कौशल के पास अम्बाला, गुरुग्राम व हिसार के मंडलायुक्त की ओर से ही जानकारी भेजी है, लेकिन इसमें भी काफी खामियां हैं। करनाल, फरीदाबाद और रोहतक के मंडलायुक्त की रिपोर्ट अभी नहीं आई। उन्हें जल्द रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं।
15 तहसीलों पर पैनी नजर
गुरुग्राम व सोनीपत सहित प्रदेशभर में पंद्रह के लगभग तहसीलों पर पैनी नजरें हैं। इन तहसीलों में सबसे अधिक घोटाला होने की आशंका है। रिपोर्ट के बाद इन तहसीलों के रेवेन्यू अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वहीं संजीव कौशल ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनसे भी इस तरह की रजिस्ट्रियों के बारे में जानकारी मांगी है।
} सभी मंडलायुक्तों से पिछले 3 वर्षों के दौरान नियम-7ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों का ब्योरा मांगा गया था। गुरुग्राम, अम्बाला और हिसार के मंडलायुक्तों की रिपोर्ट आ चुकी है। करनाल, फरीदाबाद और रोहतक मंडल से अभी रिपोर्ट नहीं आई है। संबंधित पटवारियों व कंप्यूटर ऑपरेटरों के बारे में भी विस्तृत ब्योरा मांगा है ताकि उनकी भूमिका की जांच हो सके। यह सारी जानकारी 10 दिसंबर तक भेजनी होगी।”
-संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा