गुरुग्राम, 24 नवंबर (हप्र)
हरियाणा शिक्षण संस्थान संगठन के प्रदेशाध्यक्ष यशपाल यादव ने स्कूल बंद करने के फैसले को अतार्किक व गैर जरूरी बताते हुए इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का बहाना बनाकर सरकार निजी स्कूलों के हितों और विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस फैसले से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे निचले पायदान पर है। यहां निजी स्कूल संचालकों की एक बैठक में यशपाल यादव ने कहा कि निजी स्कूलों के वाहन मुश्किल से 2 घंटे के लिए सड़कों पर चलते हैं, शेष 22 घंटे ये स्कूल की पार्किंग में खड़े रहते हैं लेकिन फिर भी वायु प्रदूषण कम करने का बहाना बनाकर स्कूलों की छुट्टियां कर दी।
उन्होंने कहा कि सरकारी बसों की तुलना में निजी स्कूलों के वाहन न के बराबर प्रदूषण करते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्कूलों में खूब हरियाली है और घरों की अपेक्षा बड़ी संख्या में पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं। ऐसे में बच्चे अपने घरों की बजाय स्कूलों में ज्यादा सुरक्षित हैं, क्योंकि स्कूलों का वातावरण खुला और अधिक ऑक्सीजन युक्त होता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का बहाना बनाकर स्कूलों को बंद रखने के फैसले के पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। विवादास्पद विषय यह है कि सरकार ने जिला स्तर पर स्कूली खेलकूद प्रतियोगिताओं का तो आयोजन करवा लिया, ऐसे में स्कूलबंदी का क्या औचित्य। उन्होंने कहा कि जितनी प्राथमिकता खेलकूद को दी जा रही है उतनी ही बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दी जाए।