‘पीएम मोदी कर रहे राष्ट्र को विश्व पटल पर स्थापित’
फरीदाबाद, 25 मई (हप्र)
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि माता अहिल्याबाई होलकर केवल एक शासिका नहीं थीं, वह भारतीय संस्कृति, न्याय, धर्म और सेवा भावना की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं। उनके कार्यकाल में जनकल्याण, धार्मिक पुनर्जागरण और सामाजिक समरसता को जो स्वरूप मिलाए वह आज भी हमारे लिए प्रकाश स्तंभ है। माता अहिल्या अपनी धर्म परायणता, न्यायप्रियता, परोपकार और राष्ट्रनिष्ठा के लिए जानी जाती है। उन्होनें प्रजा के अहित में जो प्रचलित कानून और कर प्रणाली थी उसको परिवर्तित कर दिया था। सारे कानून बदल दिये गये थेए जिससे प्रजा को न्याय मिल सके। मां अहिल्या के बताये मार्ग पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर पूरे देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किये है साथ ही अंग्रेजों के द्वारा थोपे गये कानूनों को बदल कर नये तीन कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के माध्यम से सभी को दंड नहीं न्याय की व्यवस्था की है। आज समान नागरिक संहिता और एक देश-एक चुनाव जैसी व्यवस्था के लिए मोदी जी कार्य कर रहे है। प्रधानमंत्री देश को विश्व पटल पर स्थापित कर रहे है।
आज हमारा राष्ट्र आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर होते हुए विश्व गुरू के गौरव को प्राप्त हो रहा है।
भाजपा जिला फरीदाबाद द्वारा भाजपा कार्यालय अटल कमल सेक्टर.15 पर भारत की महानतम महिला शासकों में से एक, पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री गुर्जर ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ माता अहिल्याबाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावांजलि दी।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, बडख़ल से विधायक धनेश अदलखा, पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, अनुशासन समिति की प्रदेश अध्यक्ष नीरा तोमर, पूर्व महापौर सुमन बाला, कार्यक्रम जिला संयोजक मनोज वशिष्ठ, जिला महामंत्री सुरेंद्र जांगड़ा, पूर्व जिला महामंत्री मूलचंद मित्तल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ओमप्रकाश रक्षवाल कार्यक्रम जिला सह संयोजक अल्का भाटिया एवं विक्रम अरुआ मुख्य तौर पर उपस्थित रहे।
गुर्जर ने माता अहिल्याबाई द्वारा देशभर में किए गए मंदिरों, घाटों, धर्मशालाओं एवं अन्य लोकसेवी निर्माणों का उल्लेख करते हुए उनकी दूरदर्शिता और धार्मिक समर्पण की सराहना की। मां अहिल्या का संपूर्ण जीवन संसार के लिए उदाहरण रहा है।