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शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की भागीदारी पर राष्ट्रीय सम्मेलन

गुरुग्राम, 28 फरवरी (हप्र) गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नॉर्थ वेस्ट रीजन, चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से 90 से अधिक शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं...
गुरुग्राम में शुक्रवार को राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते शिक्षाविद्, शोधकर्ता एवं छात्र। -हप्र
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गुरुग्राम, 28 फरवरी (हप्र)

गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नॉर्थ वेस्ट रीजन, चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से 90 से अधिक शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ के.आर. मंगलम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राजवीर सिंह, प्रो. अमरजीत कौर और डॉ. राजीव कुमार ने दीप जलाकर किया। इस वर्ष का सम्मेलन ‘उत्तर-पश्चिम भारत के छोटे व्यवसाय उद्यमियों के लिए सतत विकास की प्रथाएं’ विषय पर केंद्रित था, जिसमें महिला उद्यमियों की चुनौतियां, कृषि-व्यवसाय की संभावनाएं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव और भारतीय ज्ञान प्रणाली जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि प्रो. राजवीर सिंह ने व्यवसाय में प्रबंधन और सतत विकास के महत्व को रेखांकित किया, वहीं प्रो. अमरजीत कौर ने युवा शोधकर्ताओं को समाज और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन में 40 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें उत्तर-पश्चिम भारत में उद्यमिता और सतत विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया। इस अवसर पर प्रबंधन विभाग की डीन प्रो. अमरजीत कौर, डॉ. सुरभि गोयल और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की गई। सम्मेलन ने शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया, जिससे सतत विकास और नवाचार को बढ़ावा मिला।

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