नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 13 सितंबर
9 महीने पहले बनाए गए मानेसर नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस भेजने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि 30 साल से भी अधिक पुराने बने मकानों को अवैध बताया जा रहा है। ऐसे में इनके ऊपर तोड़फोड़ की तलवार लटकती रहेगी। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने 19 सितंबर को पंचायत बुलाई है।
मानेसर नगर निगम का गठन दिसंबर 2020 में किया गया था। इसके दायरे में फिलहाल 29 गांव तथा मानेसर का शहरी क्षेत्र भी शामिल है। बीते कुछ समय से यहां प्रॉपर्टी सर्वे का कार्य किया जा रहा है। साथ ही लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस भी भेजे जा रहे हैं। प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त, लोन या दूसरे कार्यों के लिए नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी आईडी भी बनाई जा रही है। खास बात यह है कि प्रॉपर्टी आईडी में गांव के लाल डोरे से बाहर बसी आबादी को ‘अनअप्रूव्ड’ बताया गया है। इसको लेकर लोगों में गुस्सा है। ग्रामीण सवाल उठाते हैं कि जब उनके 30-30 साल से भी अधिक समय पहले से बने मकान ‘अनअप्रूव्ड’ हैं तो उनसे प्रॉपर्टी टैक्स, फायर सेफ्टी टैक्स, सीवर व पानी कनेक्शन टैक्स क्यों मांगे जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना कि इस बारे में कई बार मानेसर नगर निगम कमिश्नर मुनीष शर्मा से मुलाकात की लेकिन न तो वे और न ही दूसरे अधिकारी कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब देने के लिए तैयार हैं। मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव का कहना है कि उनके पास बड़ी संख्या में लोग इस समस्या को लेकर आ रहे हैं। वे कहते हैं कि सिर्फ 9 महीने तक जब गांव में पंचायती राज था तो लाल डोरे से बाहर बसी आबादी में भी विकास कार्य करवाए जा रहे थे और अनेक तरह की सुविधाएं भी थी।