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कंडेला कांड : 13 वर्ष की उम्र में गंवाई थी जान, ग्रामीणों ने स्थापित की प्रतिमा

साल 2002 में आंदोलन के दौरान घटी थी घटना
जींद के कंडेला गांव मेें रविवार को स्व.राजेश शर्मा की प्रतिमा का अनावरण करते हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी। -हप्र
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जींद (जुलाना), 25 मई (हप्र)

वर्ष 2002 में जींद जिले में हुए कंडेला कांड की यादें 23 वर्ष बाद रविवार को फिर से ताजा हो गई। उस दौरान आंदोलन में जान गंवाने वाले कंडेला गांव निवासी 13 वर्षीय राजेश शर्मा की 23 वीं पुण्यतिथि पर रविवार को उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है। कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला की अध्यक्षता में कंडेला गांव में आयोजित समारोह में भारतीय किसान यूनियन (घासीराम) के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर घासीराम नैन ने स्वर्गीय राजेश शर्मा की प्रतिमा का अनावरण किया।

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इस समारोह में प्रदेशभर से पहुंचे किसानों एवं किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव जियालाल ने बताया कि बिजली बिलों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष घासीराम नैन के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा था। उसी दौरान 9 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

उन गिरफ्तार किसानों को छुड़वाने के लिए 19 मई 2002 को कंडेला गांव में एक महापंचायत रखी गई। लेकिन सरकार ने पंचायत को विफल करने के लिए कंडेला गांव में आने वाले रास्तों पर नाके लगाकर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।

दिवंगत राजेश शर्मा की 23 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में भाकियू प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर घासी राम नैन, प्रदेश महासचिव जियालाल के साथ-साथ नफे सिंह ईगराह, बलबीर सिंह, सूरजभान,, रमेश कण्डेला, बारु राम, गुरनाम सिंह भूरा राम पबनावा, लीला, रामकुमार कण्डेला, दलबीर सिंह दल्लू कण्डेला, रमेश शर्मा, आजाद पालवां, जगपाल नैन, महावीर आर्य दिल्ली, लाभ सिंह, हरी प्रधान फतेहाबाद, जसवंत सिंह कैथ, गुरविंदर सिंह संधू, रामकरण दलाल, बलवान सिंह नेहरा एडवोकेट, महेंद्र सिंह, सुरेन्द्र चौशाला, गंगा सिंह नैन, साधू राम शाहपुर, कुलदीप प्रधान व अन्य मौजूद रहे।

पुलिस के हमले में हो गया था घायल, फिर मौत

कैथल जिले के किसान पीछे से सभी पुलिस बाधाओं को तोड़ते हुए जींद के नगूरां गांव में पहुंच गये। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठियां एवं गोलियों से हमला कर दिया। जिसमें रामस्वरूप शिमला व रामदिया खुराना गोली लगने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना मिलते ही कंडेला गांव से भी किसान नगूरां पहुंच गए, जिसमें यह 13 वर्षीय राजेश शर्मा भी अन्य किसानों के साथ नगूरां चला गया और वहां पुलिस के हमले में राजेश शर्मा घायल हो गया। इस कारण 25 मई 2002 को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। दिवंगत राजेश शर्मा कंडेला कांड में जान गंवाने वाले सबसे कम आयु के किसान पुत्र थे।

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