पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 13 अगस्त
खरखौदा में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले और लगातार पकड़ी जा रही अवैध शराब की जांच एनवी डिस्टिलरी पर आकर रुक जाती है। इससे आगे पुलिस की जांच नहीं बढ़ पाती है। एक बड़ी वजह यह भी कि इसी को लेकर दो मंत्रियों में विवाद चल रहा है। ऐसे में पुलिस कोई भी जोखिम मोल लेने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि इस मामले की जांच अधर में लटकी हुई है और केवल पुलिस कर्मचारियों के इर्दगिर्द ही जांच सिमट गई है।
अब नया पेंच एनवी डिस्टिलरी को लेकर फंस गया है। जांच में पहले भी इस कंपनी का नाम आया था, लेकिन तब पंजाब के राजपुरा स्थित इस कंपनी की यूनिट का नाम बताया गया था। कहा गया था कि यहां से तस्कर भूपेंद्र को लगातार शराब की सप्लाई होती रही है लेकिन पुलिस यहां के अधिकारियों को आज तक जांच में शामिल नहीं कर पाई। कई नोटिस देने के बावजूद यहां के अधिकारी जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। अब इसी कंपनी की अंबाला स्थित डिस्टिलरी की शराब एक दूध टैंकर में पकड़ी गई है। इसमें पुलिस को पता चला है कि शराब का लेबल फिर एनवी डिस्टिलरी का ही है। ऐसे में बड़ी बात यह है कि आखिर इसी कंपनी के लेबल की शराब बार-बार कैसे मिल रही है।
मामला हाई लेवल का
नाम ने छापने की शर्त पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला हाई लेवल का है, तो वह पचड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि इस कंपनी पर इतनी मेहरबानी बरती जा रही है। इतने बड़े मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई पुलिस नहीं कर पा रही है।
कांग्रेस ने प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन
कांग्रेस ने प्रदेश में हुए शराब और अन्य घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और डीसी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल सिंह मलिक, विधायक सुरेंद्र पंवार, विधायक जगबीर मलिक के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। नेताओं ने हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार में हुए शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले और चावल घोटाले की जांच कराने की मांग की है।