145 पंचायतों के भूजल स्तर में बढ़ोतरी
नारनौल, 21 मई (हप्र)
क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर की गंभीर समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी अटल भूजल योजना महेंद्रगढ़ जिले में संजीवनी साबित हो रही है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग इस योजना के तहत भूजल संरक्षण और प्रबंधन के लिए लगातार विभिन्न कार्यों को अंजाम दे रहा है जिससे 2014 से लेकर अब तक भूजल स्तर की परिस्थिति में उल्लेखनीय फर्क पाया जा रहा है। 145 पंचायतों के भूजल स्तर में काफी इजाफा हुआ है।
अटल भूजल योजना हरियाणा में भूजल के गिरते स्तर को सुधारने और इसके सतत प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में भूजल संरक्षण को बढ़ावा देना, जल उपयोग की दक्षता में सुधार लाना, सामुदायिक भागीदारी से जल प्रबंधन को मजबूत करना और ग्राम स्तर पर जल बजट तथा जल सुरक्षा योजनाएं तैयार करना शामिल है। योजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही वर्षा जल संचयन, पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण और जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से दीर्घकालिक जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के प्रति जागरूक कर रही हैं। यह पहल क्षेत्रीय जल आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा करने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और सतत जल प्रबंधन को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही है।
पीजोमीटर के माध्यम से भूजल की निगरानी
उपायुक्त डॉक्टर विवेक भारती ने बताया कि ने बताया कि इस योजना के माध्यम से जिले में भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। अटल भूजल योजना के तहत जिला कार्यान्वयन भागीदार टीम द्वारा हर महीने ग्राम पंचायत लेवल पर लगे 150 पीजोमीटर और चिन्हित बोरेवेल्स में भूजल की पैमाइश की जाती है जिसके आंकड़ों के अनुसार पांचों खंडों की कई ग्राम पंचायतों में जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। अप्रैल 2024 की तुलना में अप्रैल 2025 में जिले के कुल 255 ग्राम पंचायतों मे से 145 ग्राम पंचायतों मे भूजल स्तर में वृद्धि हुई है और 85 ग्राम पंचायतों में भूजल स्तर स्थिर है जिससे ग्रामीणों और किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। साथ ही विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के प्रति जागरूक कर रही हैं।
जोहड़ों और नदियों मे भूजल पुनर्भरण के लिए भूजल रिचार्ज के लिए नेटवर्क का निर्माण करना जिसमें नहर से नदी जोड़ने की 25 परियोजनाएं, नहर से जोहड़ जोड़ने की 137 परियोजनाएं, नहर से कच्चे ड्रेन जोड़ने की 5 परियोजनाएं शामिल है। जिले में कृषि योग्य भूमि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए पक्के भंडारण जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें कुल 24 जलाशयों में से 15 जलाशयों का निर्माण पूरा हो चुका है और 9 जलाशयों निर्माणाधीन है। इन जलाशयों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से किसान खेतों को सिंचित कर पाएंगे।