नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 19 अक्तूबर
सेक्टर 112 में एक रिहायशी प्रोजेक्ट विकसित करने वाले बिल्डर पर लोगों ने हवा व कागजों में इमारतें बनाकर अरबों रुपए डकारने का आरोप लगाया है। आरोप है कि इस घोटाले को बिल्डर ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया। निवेशकों व खरीददारों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर करीब 250 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। एक्सपेयिन डवलेपर्स ने विंडचांट्स के नाम से सेक्टर 112 में रिहायशी प्रोजेक्ट वर्ष 2012 में लांच किया था। डेवेलपर को दिए लाइसेंस में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने प्रोजेक्ट में 12 लाख 78 हजार 153 वर्ग फुट क्षेत्र में कालोनी विकसित करने की अनुमति दी थी। आरोप है कि बिल्डर ने इस कालोनी में नियमों को ताक पर रखकर 16 लाख 53 हजार 422 वर्ग फुट जगह बेच डाली। यानी लाइसेंस में निर्धारित से 3 लाख 75 हजार 269 वर्गफुट अधिक स्थान सपनों का आशियाना खरीदने की चाह रखने वालों को बेच डाला। हैरत की बात यह है कि यह बिक्री सिर्फ कागजों में ही की गई। आरोप है कि डेवलपर ने नॉन चार्जेबल कॉमन एरिया को भी बेचकर करोड़ों के वारे-न्यारे कर लिए। खरीददारों ने इसकी शिकायत हरेरा की गुरुग्राम बैंच से की। खरीददारों की शिकायत पर राष्ट्रीय उपभोक्ता एवं निवारण आयोग ने भी अपनी जांच में आरोपों को सही पाया है।
नियमों को ताक पर रखा
साथ ही इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मिलीभगत व भूमिका को भी जांच में दायरे में शामिल किया जाए। खरीददारों का आरोप है कि विभिन्न स्थानों पर इस मामले की शिकायत करके थक चुके हैं लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। इससे अपने खून पसीने की जीवनभर की कमाई लगाकर घर का सपना देखने वाले खुद को लुटा हुआ महसूस कर रहे हैं।