Haryana DGP का खास मिशन : खुद डिजिटल अरेस्ट पीड़ित बनकर पहुंचे साइबर थाना
Cyber Reality Check हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने गुरुग्राम के थाना साइबर अपराध पूर्व का ऐसा औचक निरीक्षण किया जिसने पूरे महकमे का ध्यान खींच लिया। इस बार वे किसी काफिले या प्रोटोकॉल के साथ नहीं, बल्कि एक आम नागरिक की तरह थाने में दाखिल हुए। वह भी डिजिटल अरेस्ट का पीड़ित बनकर। उनका उद्देश्य था यह परखना कि एक वास्तविक पीड़ित को थाने में कितनी सहूलियत, कितनी जानकारी और कितनी संवेदनशीलता मिलती है।
थाने के संतरी ने उन्हें तय प्रोटोकॉल के अनुसार शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया समझाई। शोध अधिकारी से मिलने तक की हर औपचारिकता को सिंह ने बारीकी से परखा। उन्होंने रिस्पॉन्स टाइम, पीड़ित सहायता, तकनीकी क्षमताओं और जागरूकता प्रणाली का पूरा मूल्यांकन किया और सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की।
साइबर अपराध को लेकर DGP का स्पष्ट संदेश
निरीक्षण के बाद DGP ने कहा कि साइबर अपराध तेजी से अपना रूप बदल रहे हैं और हरियाणा पुलिस इन चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार तत्पर, नवाचारी और प्रभावी रणनीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को त्वरित राहत और डिजिटल सुरक्षा दोनों पुलिस की समान प्राथमिकताएं हैं।
ओपी सिंह ने बताया कि जिन मामलों में पीड़ितों की छोटी राशि बैंक खातों में फ्रीज हो जाती है, उन्हें अब अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। पुलिस ऐसी स्थितियों में लोक अदालत का सहारा लेकर त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगी ताकि पीड़ित अपनी राशि जल्द वापस पा सकें।
बैंक की चूक में जिम्मेदारी भी बैंक की
हरियाणा पुलिस प्रमुख ने कहा कि यदि किसी साइबर फ्रॉड में बैंक की ओर से लापरवाही साबित होती है, तो पीड़ित की आर्थिक क्षति की भरपाई बैंक को करनी होगी। यह पीड़ितों के अधिकारों की सुरक्षा को और मजबूत करता है।
स्कूल कॉलेजों में तैयार होंगे साइबर अवेयरनेस एंबेसडर
डीजीपी ने कहा कि साइबर सुरक्षा अब एक सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है। इसे मजबूत करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में हेड स्टूडेंट्स की विशेष टीमें बनाई जाएंगी। इन्हें साइबर अवेयरनेस एंबेसडर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये एंबेसडर अपने संस्थानों में साथियों को साइबर ठगी के तौर-तरीकों और बचाव के उपायों की जागरूकता देंगे। सोशल मीडिया, सामुदायिक कार्यक्रम और राज्यस्तरीय जागरूकता अभियान इस प्रयास को और व्यापक बनाएंगे।
जनता के लिए चेतावनी और सलाह
ओपी सिंह ने कहा कि ज्यादातर साइबर अपराध लालच, डर या दबाव का माहौल बनाकर किए जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति इनाम, नौकरी, कमाई या दंड के नाम पर पैसे भेजने की बात करे, तो यह समझना चाहिए कि खतरा उसी समय शुरू हो गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ऐप पर भरोसा न करें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
हरियाणा पुलिस का वादा : साइबर अपराध पर चौतरफा कार्रवाई
डीजीपी ने भरोसा दिलाया कि साइबर अपराधों से मुकाबला अब मिशन मोड में चल रहा है। पीड़ित सहायता प्रणाली को मजबूत करना, थानों को तकनीकी रूप से और सक्षम बनाना और पूरे प्रदेश में डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की निरंतर प्राथमिकता रहेगी।
