गुरुग्राम, 24 जून (हप्र)
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि दिल्ली बाॅर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में नेतृत्व की कमी है। इस कारण यह आंदोलन दिशाहीन होता प्रतीत हो रहा है। सरकार को किसानों के साथ वार्ता के लिए किसी मध्यस्थ की सहायता लेने की सलाह देते हुए वह बोले, ‘बातचीत के बिना समाधान नहीं है। किसान सिर्फ बातचीत चाहते हैं। उनसे संवाद किया जाना चाहिए ताकि इस विवाद का शीघ्र निपटारा हो सके।’ उन्होंने कहा कि किसानों की यह लड़ाई बेशक भ्रामक भी हो सकती है। किसानों को भ्रम और संशय है कि तीन नए कृषि कानूनों से कहीं उनकी जमीन ही न छीन ली जाए, सरकार को यह भ्रम दूर करने की पहल करनी चाहिए। हरियाणा महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष सुमन दहिया के निवास पर बीरेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन समेत सीएम मनोहर लाल की कार्यशैली पर बेबाक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ईमानदार छवि के नेता हैं लेकिन अफसरों को जिस तरह से काम करना चाहिए था वैसा हो नहीं हो पा रहा।
पंजाब में विधानसभा चुनावों बारे उन्होंने कहा कि किसानों में किसी भी पार्टी को शिकस्त देने की हिम्मत है। किसान आंदोलन पंजाब से ही पैदा हुआ था और वहां अभी तक कोई भी राजनीतिक दल जनता में विश्वास पैदा नहीं कर पाया है। इसलिए यह संभव है कि वहां किसान ही अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ें और सारी पार्टियों का सफाया कर दें। इस अवसर पर प्राची खुराना, आशा चांदना, सुनीता यादव, राजबाला श्योराण मौजूद रहे।