गुरुग्राम,15 दिसंबर (निस)
बिल्डर कार्यालय से पिछले साल 30 करोड़ नकदी की चोरी के मामले में हरियाणा पुलिस की एसटीएफ ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया को दिल्ली -गुरुग्राम सीमा से गिरफ्तार कर लिया है। वह दुबई से गैंग का संचालन करता था। हरियाणा एसटीएफ के इंचार्ज और हरियाणा पुलिस के आईजी एस. सतीश बालन ने बताया कि टीम ने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर छापा मारा और टैक्सी में बैठे एक युवक से पूछताछ की गई तब जाकर गैंगस्टर विकास लगरपुरिया का खुलासा हुआ। उसने शुरू में अपना नाम दीपक पानीपत बताया। जब उसकी फोटो मिलाई गई तो तय हो गया कि दीपक बन रहा बदमाश विकास लगरपुरिया है। उससे फिर और पूछताछ की गई। उसने टीम को गुमराह करने के लिए अपने आप को सोनीपत, पानीपत, हिसार, रोहतक का निवासी बताया। वहां के लोगों से भी फोन कर पूछा गया तो उसने बाद में उसने मान लिया कि वही विकास लगरपुरिया है।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल 5 अगस्त में गुरुग्राम के थाना खेड़कीदौला क्षेत्र से बिल्डर अल्फा कॉर्प मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय से 30 करोड़ रुपए की चोरी हुई थी। एसटीएफ को जांच सौंपी तो खुलासा हुआ कि इस मामले में मास्टरमाइंड विकास लगरपुरिया है जो दुबई से एनसीआर में अपना गैंग चलाता है। इस मामले में गुरुग्राम में तैनात रहे डीसीपी को भी आरोपी बनाया था जो जमानत के बाद बहाल हो गया। 6 दिन पहले ही दिल्ली में उस अधिकारी की लाइ डिटेक्टिव जांच हुई है। इस मामले में कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हुई है , जिसमें दिल्ली पुलिस का एसआई और 2 डॉक्टर शामिल हैं। एसटीएफ गैंगस्टर से 5 करोड़ 78 लाख रुपए नकद बरामद कर चुकी है और लगरपुरिया की तलाश थी। एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह ही वह अपने माता-पिता से मिलने झज्जर जा रहा था और गुरुग्राम सीमा पर पकड़ा गया है। एसटीएफ प्रमुख का कहना है कि गैंगस्टर से ढाई घंटे पूछताछ के बाद ही असली नाम से घोषित किया गया है। उस पर हत्या, लूट, वसूली के गुरुग्राम सहित एनसीआर क्षेत्र में 24 मामले दर्ज हैं। उसे पकड़ने के लिए दिल्ली गुरुग्राम पुलिस ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था।
काॅलेज से ड्रॉप आउट के बाद अपराध जगत में आया
गुरुग्राम (निस) : गैंगस्टर विकास लगरपुरिया फर्जी पासपोर्ट के साथ दुबई में पकड़ा गया। उसने हरियाणा से फर्जी पासपोर्ट बनवा रखा था जिस पर कई देशों की यात्रा की है। स्पेशल सेल केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए आरोपी को भारत लाने में जुटी तो अब कामयाबी मिली है। दिल्ली की सीमा से सटे छोटे से गांव लगरपुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार से दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला छात्र विकास कुमार जब ड्रॉप आउट हुआ तब वह गैंगस्टर बनकर विकास लगरपुर के नाम से जाना जाने लगा। वह रामलाल आनंद कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था, लेकिन फेल होने के बाद में पढ़ाई छोड़ दी और अपराध की दुनिया में उतर गया था। धीरपाल काना के साथ रहकर वह एनसीआर का बदमाश बन गया।
लोकल थाने में दर्ज नहीं है कोई मामला
झज्जर (हप्र) : दिल्ली और अन्य राज्यों की पुलिस के लिए मोस्टवांटेड विकास लगरपरिया पर अपने क्षेत्र में अपराध का कोई मामला दर्ज नहीं है। लगरपुर गांव बादली थाना क्षेत्र के अंतर्गत है लेकिन थाने में विकास पर कोई मामला नहीं है। पुलिस से बचने के लिए विकास ने कभी भी मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया। इससे पहले विकास को 2015 में गिरफ्तार कर भोंडसी जेल में रखा गया था। विकास ने अपने पारिवारिक सदस्य के बीमार होने का हवाला देकर अदालत से पैरोल मांगी, पैरोल मिलने के बाद वह वापस नहीं लौटा। बादली पुलिस थाना प्रभारी बाबूलाल ने बताया कि बादली पुलिस थाना के अधीन विकास लगरपुर पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है और न ही किसी प्रकार की कभी कोई शिकायत मिली है।